जेई खुद तो फंसा ही एसडीओ व एक्शियन की भी करा दी फजीहत,-बिजली चाेरी की फर्जी रिपोर्ट दर्ज कराने वाले जेई को विभाग से मिली चार्जशीट-एडीजे की अदालत ने कर लिया तलब। मेरठ के मवाना में तैनात रहे एक जेई विपिन कुमार राठीी को एक उपभोक्ता के खिलाफ बिजली चोरी की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराना भारी पड़ गया। विभाग ने उसको चार्जशीट थमा दी है। इतना ही नहीं उसको अब अदालतों के चक्कर भी काटने पड़ रहे हैं। सीधे सादे उपभोक्ता को फर्जी रिपोर्ट दर्ज कर कर फंसाने का असफल प्रयास करने वाले इस जेई के लिएअब अदालती और विभागीय दोनों ही तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है। पीवीएनएल के जिन एसडीओ और एक्शिन ने बिजली चोरी का फर्जी मुकदमा लिखाने वाले जेई की मदद की थी उनका यहां से हालांकि तवादला हो चुका है, लेकिन अब उन्हें भी डयूटी को छोड़कर मेरठ आकर अदालत की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। वहीं दूसरी ओर कोर्ट ने फजी एफआईआर निरस्त करा दी है।
यह पूरा मामला
बिजली चोरी के झूठे मामले में फंसाते-फंसाते खुद फंसने वाले जेई की यह कहानी मवाना के मोहल्ला हीरा लाल निवासी मुकेश नाम के उपभोक्ता से जुड़ी है। यह पूरा मामला 9 सितंबर 2016 का है। मुकेश नाम के उपभोक्ता पर मीटर के ऊंपर से केबल काटकर थाना मवाना में उनके खिलाफ बिजली चोरी की रिपोर्ट दर्ज करा दी गयी। 9 सितंबर 2016 को एफआईजार की जब जानकारी मिली तो अगले दिन मुकेश कुमार बिजली घर जा पहुंचे। बकौल मुकेश कुमार उन्होंने वहां पहुंचकर मीटर चेकिंग की रिपोर्ट मांगी, उन्हें जो रिपोर्ट दी गयी वह 10 सितंबर 2016 की थी। इसके बाद उन्होंने व्यापारी नेता व उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रदेश अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल ने संपर्क किया। और फिर यही से बिजली चोरी की फर्जी रिपोर्ट के इस मामले में लोकेश अग्रवाल के साथ मिलकर पीवीएनएल के भ्रष्टचार के खिलाफ एलान ए जंग कर दिया। इसको लेकर एक लंबी लड़ाई तो लड़नी पड़ी लेकिन अब इस लड़ाई का अंजाम बकौल मुकेश कुमार रिश्वत न मिलने पर बिजली चोरी की फर्जी रिपोर्ट दर्ज कराने वाले जेई विपिन भाटी के खिलाफ विभाग से चार्ज शीट और 11 अक्तूबर को अदालत में पेश होने के लिए समन मिल गया है। हालांकि इससे पहले ही उनको तलब कर लिया जाता, लेकिन वकीलों की हड़ताल के चलते बिजली चोरी की फर्जी रिपोर्ट दर्ज कराने वाले विपिन कुमार राठी की जान अभी बची हुई है।
खुद तो फंसे एसडीओ व एक्शिन को भी दिया फंसा
मवाना के मोहल्ला हीरा लाल निवासी मुकेश नाम के उपभोक्ता के खिलाफ बिजली चोरी की कथित झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने वाले जेई विपिन राठी खुद तो विभाग और अदालत के शिकंजे में फंसे उन्होंने तत्कालीन एसडीओ मनोज कुमार व एक्शियन राजदेव पूनिया को भी फंसा दिया। हालांकि दोनों का मेरठ काफी पहले बुलंदशहर तवादला कर दिया गया है। एसडीओ मनोज सक्सेना अब एक्शियन बन गए हैं, जबकि एक्शियन नीरज सक्सेना अब एससी बन गए हैं।
यह कहना है लोकेश अग्रवाल का
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रदेश अध्यक्ष व सोशल एक्टिविस्ट लोकेश अग्रवाल का कहना है कि वह तो भ्रष्टाचार के खिलाफ एक जंग लड़ रहे हैं। लोगों की मदद कर रहे हैं। मवाना के मुकेश के साथ जो कुछ हुआ वह उचित नहीं है।