जिन्हें दी ताकत-वो कर रहे कमजोर, मेरठ के वरिष्ठ युवा कांग्रेसी प्रशांत कौशिक का मानना है कि कांग्रेस ने जिन नेताओं को पिछले सत्तर सालों में ताकतवर बनाया, वहीं नेता उसके संगठन को कमजोर करने में लगे हैं। कांग्रेस को तोड़ रहे हैं। ऐसे लोगों से नेतृत्व को सावधान रहने की जरूरत है। पार्टी को कमजोर करने में वो नेता शामिल हैं, जिन्हें सालों-साल कांग्रेस पार्टी ने सत्ता और पार्टी की ताकत दी। 2014 के बाद से कांग्रेस केन्द्र की सत्ता में नहीं है और तभी से यह देखा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी के कई नेता पार्टी को अलविदा कह कर कांग्रेस के विरोधी पक्ष से हाथ मिला चुके हैं। इस तरह के घटनाक्रम यह बताने के लिए पर्याप्त है कि पार्टी छोड़ने वाले नेता, बेशक कांग्रेस में सालों-साल रहें, लेकिन वैचारिक रुप से कहीं ना कहीं कांग्रेस के विचारों, आदर्शों, सिद्धान्तों से उनके जुड़ाव में कमी रही, जिस वजह से वह कांग्रेस से अलग होकर उस विचारधारा से जुड़े, जो वैचारिक रुप से कांग्रेस के हमेशा विपरित रही है। कांग्रेस नेतृत्व को बड़े नामों का मोह छोड़ कर वैचारिक रुप से कांग्रेस के प्रति समर्पित लोगों को पार्टी का समर्थन और ताकत देनी चाहिए, नेतृत्व को अब बिना कोई देरी किए स्पष्ट रुप से आगे आकर पार्टी से जुड़े तमाम लोगों को स्पष्ट संदेश देना चाहिए कि पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले किसी नेता/कार्यकर्ता को पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी, साथ ही पार्टी छोड़ते समय पार्टी नेतृत्व के प्रति अनर्गल, अमर्यादित टिप्पणियों के द्वारा पार्टी नेतृत्व के प्रति अपनी संकीर्ण मानसिकता को जाहिर करने वाले नेताओं के प्रति भी पार्टी को सामने आकर उनकी राजनीतिक यात्रा में पार्टी के योगदान को बखूबी बयां करना चाहिए। प्रिंट, इलैक्ट्रोनिक, सोशल मीडिया के फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, ट्विटर जैसे विभिन्न मंचों पर कांग्रेस की बात रखने वालों को अपना समर्थन दें, क्योंकि आज के कठिन समय में अगर कोई व्यक्ति इन मंचों पर कांग्रेस की बात रख रहा है, तो वह बड़ा कार्य कर रहा है। समझना होगा और अपना समर्थन भी देना होगा।