जोन सी-3: घर में बना दिया अस्पताल, मेरठ विकास प्राधिकरण के जोन सी-3 में एक घर में अस्पताल बना दिया। इसकी जानकारी होते हुए भी एमडीए ने बजाए कार्रवाई के हाथ बांधे हुए हैं। एमडीए ही नहीं बल्कि इस अवैध अस्पताल के लिए स्वास्थ्य विभाग भी कम कसूरवार नहीं है। घर में अवैध रूप से चलाए जा रहे अवैध अस्पताल जीवन रक्षक को कैसे लाइसेंस जारी कर दिया गया। टीपीनगर क्षेत्र के बागपत रोड पर थाने से चंद कदम की दूरी पर स्थित एक मकान में अवैध रूप से बना लिए गए जीवन रक्षक हॉस्पिटल से पूर्व में इस जोन में तैनात रहेग एमडीए के एक जोनल अधिकारी अरूण शर्मा व अवर अभियंता संजीव तिवारी से ये रिश्ता क्या कहलाता है। सुनने में आया है कि बागपत रोड स्थित इस मकान में हॉस्पिटल बनाने में मदद करने वाला कोई और नहीं बल्कि एमडीए के अवर अभियंता संजीव तिवारी ही हैं। आरोप है कि जोनल अधिकारी अरूण शर्मा ने खुद मौके पर खड़े होकर पूरी दबंगई दिखाते हुए यह अवैध निर्माण कराया है। इस काम में उनकी मदद अवर अभियंता संजीव तिवारी ने भी की। चर्चा है कि अवैध हॉस्पिटल बनाने वालों से जो भी सेटिंग गेटिंग हुई है वह संजीव तिवारी ने ही की है। संजीव तिवारी की इस मदद की एवज में हॉस्पिटल बनाने वालों में भारी भरकम तरीके से मुट्टी गरम की है। तब कहीं जाकर यह अवैध निर्माण संभव हो सकता है। इतना ही नहीं यह भी सुनने में आया है कि मकान में जीवन रक्षक हॉस्पिटल बनाने के मामले की शिकायत एक मंडलायुक्त व उपाध्यक्ष को की गई है, जिसके चलते जीवन रक्षक कभी भी ध्वस्त कर दिया जाएगा। दावा है कि इस अवैध इमारत पर शीघ्र ही एमडीए का बुलडोजर गरेगा। इसको बनाने में जो भी खर्चा आया है वो सब जीवन रक्षक के ध्वस्त होने के साथ ही मिट्टी में मिल जाएगा। मेरठ विकास प्राधिकरण के जोन सी-3 संजय कालोनी बागपत रोड के समीप स्थित अवैध जीवन रक्षक को लेकर जो जानकारी पड़ौसियों ने दी है उसके मुताबिक जिस मकान में यह हॉस्पिटल बनाया गया है उसकी लिखा पढ़ी कागजों में किसी राजबीर यादव के नाम है। राजबीर यादव ने किससे यह लिया है या पहले से ही उसके नाम है, यह तो स्पष्ट नहीं हो पाया है, हालांकि कुछ लोगों ने दबी जुवान में यह भी कहा है कि इस मकान के राजबीर यादव के नाम होने के पीछे भी एक रहस्मयी कहानी है। यह कहानी क्या है इसका खुलासा तो खुद राजबीर ही कर सकते हैं। मकान का भू-उपयोग बदलकर वहां व्यवसायिक निर्माण नियामानुसार नहीं किया जा सकता। लेकिन यदि राजबीर यादव के संजय कालोनी बागपत रोड स्थित इस मकान को व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है तो क्या मेरठ विकास प्राधिकरण के उच्च पदस्थ अधिकारियों को जो जिस प्रकार की कार्रवाई जीवन रक्षक पर प्रस्तावित है उसी तर्ज पर क्या जोनल अधिकारी अरूण शर्मा व अवर अभियंता संजीव तिवारी पर भी कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। ताकि इस प्रकार के अवैध निर्माणों पर एमडीए सख्ती से रोक लगाने का संदेश सभी को दे सके। सूबे के सीएम योगी की बात की जाए तो उनकी मंशा तो कुछ ऐसी ही है कि केवल अवैध निर्माण ही नहीं जीवन रक्षक हॉस्पिटल जैसे अवैध निर्माणों में लिप्त प्राधिकरण के कर्मचारियों पर भी कठोरतम कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि मेरठ महानगर को अवैध निर्माणों की बस्ती बनने से रोका जा सके। हालांकि जोन सी-3 की यदि बात की जाए तो इस जोन में सबसे ज्यादा अवैध निर्माण ही जोनल अधिकारी अरूण शर्मा व अवर अभियंता संजीव तिवारी के कार्यकाल में हुए हैं। लोगों का खासतौर से एमडीए के स्टाफ का तो यहां तक कहना है कि मकान में जीवन रक्षक हॉस्पिटल का अवैध निर्माण तो इसकी वानगी भर है। जोनल अरूण शर्मा व अवर अभियंता संजीव तिवारी का कार्यकाल कैसा रहा है, यदि इसकी जमीनी हकीकत ही जाननी है तो उनके कार्यकाल के दौरान इस जोन में जितने भी अवैध निर्माण हुए हैं उनको चिन्हित करने का एक विशेष अभियान यदि एमडीए प्रशासन शुरू करा दे तो दूध को दूध पानी का पानी हो जाएगा। साथ ही यह भी पता चल जाएगा कि इस प्रकार के अवैध निर्माण कराने वालों ने तत्कालीन जोनल अधिकारी व अवर अभियंता का वो रिश्ता क्या कहलाता था।