जोन-डी-1 में अवैध कांप्लैक्स, मेरठ विकास प्राधिकरण के जोन-डी-1 जवाहर नगर लालकुर्ती में जोनल एमडीए के जोनल व अवर अभियंता की छत्रछात्रा में अवैध कांप्लैक्स लगभग बनकर तैयार हो गया है। इसको बस फाइनल टच देने का काम बाकि रह गया है। कांप्लैक्स के मालिक की मानें तो यह सब जोन के जोनल अधिकारी व अवर अभियंता की मदद बगैर संभव नहीं था। हालांकि उन्होंने इसकी एवज में एक अच्छी खासी व भारी भरकम रकम तो वसूली, लेकिन काम ऐसा कर दिया अवैध निर्माणों की तलाश में ड्रोन उड़ाने का दाव करने वाले एमडीए के अफसरों को इसकी भनक तक नहीं लग सकी। जोनल व अवर अभियंता ने केवल अवैध निर्माण करने में ही कांप्लैक्स मालिक की मददर ही नहीं की, बल्कि यह भी बताया कि एमडीए के दोनों उच्च पदस्थ अधिकारियो के प्रकोप से इसको न कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है, बल्कि यह भी तरीका बताया कि जब तक इस कांप्लैक्स की सभी दुकानें जो बनायी गई हैं, बिक न जाए तब तक कैसे इन्हें बचाकर रखना हैं। मसलन जितना भी हिस्सा तैयार हो जाए, उस पर रंगाई पुताई कर देना । अवैध कांप्लैक्स की जो दुकानें बनकर तैयार हैं, उन पर किसी भी नाम से फर्जी बोर्ड लगा देना। इसके अलावा फ्रंट पर काली नीली पन्नी डालकर भीतर ही भीतर आराम से लेबर से काम करते रहना। जैसा की रविवार व सोमवार को भी वहां नजर आया। कांप्लैक्स मालिक ने एक और चौंकाने वाली बात बतायी वो यह कि यदि इस जोन में कोई और भी अवैध निर्माण कांप्लैक्स बनाना चाहे तो एमडीए के उच्च पदस्थ दोनों अधिकारियों से डरने व घबराने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि जोन-डी-1 में एमडीए प्रशासन जोनल अधिकारी व अवर अभियंत की मर्जी के बगैर जेसीबी लेकर घुसना तो दूर की बात एक पत्ता तक नहीं हिल सकता। योगी सरकार के खजाने का फटका:– सूबे की सरकार जो विकास के काम करती है, उनके लिए धन की व्यवस्था एमडीए सरीखे ही कुछ विभाग जो राजस्व मिलता है, उससे करते हैं। लालकुर्ती जवाहर नगर में जो अवैध कांप्लैक्स बना है, वो यदि कायदे कानून से बनाया जाता है तो योगी सरकार के खजाने में एक भारी भरकम रकम राजस्व के रूप में पहुंचती, लेकिन जोनल अधिाकरी व अवर अभियंता की कारगुजारी के चलते जो रकम सरकारी खजाने में पहुंचनी चाहिए थे, कांप्लैक्स मालिक ने वो बचा ली। हालांकि इसके बदले उन्होंने जो रकम जोनल व अवर अभियंता तक पहुंचायी बतायी जा रही है या कहें सुनने में आ रही है, उसको भी छोटा नहीं कहा जा सकता। क्योंकि अवैध कांप्लैक्स में मदद की एवज में जोनल या अवर अभियंता हल्का हाथ रखेंगे यह अगर कोई सोचता है तो उचित नहीं। क्योंकि सुनने में आया है कि जो दुकानें बनायी गयी हैं उसमें से एक-एक दुकान की कीमत ही करीब एक करोड़ है। यदि ऐसा नहीं है तो फिर क्या कारण है कि भारी भरकम कांप्लैक्स जवाहर नगर में बन गया और कार्रवाई के बजाए जाेनल व अवर अभियंता हाथ बांधे खड़े हैं। इस संबंध में जब जोनल अधिकारी रंजीत सिंह व अवर अभियंता नरेश शर्मा से बात की गयी तो उनका कहना था कि