क्यों बेबस नजर आता है एमडीए, मेरठ विकास प्राधिकरण और भू-माफियाओं का गठ जोड़ मेरठ महानगर को तेजी से अवैध कालाेनियों के स्लम एरिया में तब्दील करने पर उतारू है। यह स्थिति तो तब है जब सूबे की योगी सरकार अवैध कालोनियों को लेकर सख्त है। इतना ही नहीं करीब सप्ताह भर पहले समीक्षा बैठक में मंडलायुक्त और पुलिस महानिरीक्षक भी भू-माफियाओं के खिलाफ संगठित होकर कार्रवाई की हिदायत केवल एमडीए के अफसरों को ही नहीं बल्कि अवैध कालोनियाें में जो भी मददगार साबित हो रहे हैं, उन तमाम विभागों के अफसरों के पेंच कस चुके हैं। इस सख्ती का कब और कितना असर होगा यह कहना तो जल्दबाजी होगी, लेकिन जहां तक भू-माफियाओं की बात है, उन पर मंडलायुक्त या पुलिस महानिरीक्षक के सख्त रवैये का असर बिलकुल नजर नहीं आ रहा है।
बाबा के बुलडोजर का खौफ नहीं भूमाफियाओं को
भू-माफियाओं की यदि बात की जाए तो ऐसा लगता नहीं कि सीएम योगी सरकार के बुलडोजर का उन्हें कोई खोफ है। इसका बड़ा सबूत रूडकी रोड शील कुंज डोरली डीएवी स्कूल वाले मार्ग से लालड़ रोड तक के मार्ग पर खेतों में दोनों ओर इन दिनों तेजी से अवैध कालोनियों का काम चल रहा है। भू-माफिया किस कदर बेखौफ हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि करीब आधा दर्जन अवैध कालोनियों का यहां काम चल रहा है। इनमें से एक कालोनी तो इतनी ज्यादा विशाल है कि उसका फ्रंट लावड रोड से शुरू होता है और बैक पार्ट डोरली मार्ग पर जाकर खत्म होता है। इस अवैध कालोनी का करीब 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। केवल फाइनल टच दिया जा रहा है।
एमडीए प्रशासन को पहले ही किया था सजग
इस इलाके में जिसको मेरठ विकास प्राधिकरण का जोन बी कहा जाता है, वहां अवैध कालोनियों को लेकर धारा न्यूज ने करीब चार माह पूर्व मेरठ विकास प्राधिकरण प्रशासन को सजग किया था। जो कालोनियां अब करीब-करीब पूरी तरह से बिकने के लिए तैयार हैं, जिस वक्त धारा न्यूज ने एमडीए प्रशासन को आगाह किया था, उस वक्त इन कालोनियाें के लिए खेतों की हरियाली का कत्ल कर वहां चार दीवारी बनाकर मिट्टी का भराव शुरू किया गया। बहुत ही कम समय में यहां बड़ी-बड़ी कालोनियां अब बिकने के लिए तैयार हैं। इनमें बिजली के खंबे लग गए हैं। जहां तक पानी के कनैशन की बात है तो मेरठ महानगर की जितनी भी अवैध कालाेनियां हैं, उन सभी में पानी के कनैक्शन के नाम पर अवैध बोरिंग की जा रही है। यह सीधे-सीधे भूमिगत जल के अवैध दोहन की श्रेणी में आता है।
अवैध खनन पर अफसरों की चुप्पी
भू-माफिया जोन बी ही नहीं बल्कि पूरे मेरठ महानगर में अवैध कालोनियां काट रहे हैं, वो सभी हरियाली का कत्ल कर खेतों में काटी जा रही हैं। खेतों में काटी जाने वाली इन अवैध कालोनियों के लिए मिट्टी की भराई के लिए रात के अंधेरे में अवैध खनन कराया जाता है। जहां-जहां अवैध कालोनियाें का काम चल रहा है, उन तमाम इलाकों में रात के अंधेरे में बड़े-बड़े ट्रक और जेसीबी मशीनें खेतों से मिट्टी का अवैध खनन करते देखते जा सकते हैं। लावड़ रोड पर जहां जहां अवैध कालोनियां काटी गयी हैं, वहां अवैध खनन से लायी जानी वाली मिट्टी के डंफर दौड.ते हैं। दिन निकलने से पहले ये डंफर व जेसीबी मशीने एक कालोनी के बाहर इसी मार्ग पर खड़े कर दिए जाते हैं, जैसे ही शाम ढलती है, ये डंफर व जेसीबी मेशीन अवैध खनन के लिए निकल जाते हैं।
काली कमाई में सभी का हिस्सा
अवैध कालोनियां के लिए किसान से खेती की जमीन बीघे के हिसाब से उधार ली जाती है और कौड़ियों के भाव ली गयी उस जमीन को ऊंची कीमत पर अवैध बेचा जाता है। जानकारों की मानें तो ऐसा नहीं कि इस काली कमाई में सारी रकम भू-माफिया के पेट में उतर जाती है। इस धंधे में भू माफिया के अलावा कुछ सफेद पोश जो सत्ता से जुड़े होते हैं। इनके अलावा बड़े फाइनेंसर तथा अपराधिक छवि के माफियाओं के अलावा एमडीए के कुछ अफसरों का भी कनेक्शन इनसे जुड़ा होता है। यह मजबूत गढजोड़ तमाम कायदे कानूनों व शासन तथाा मंडलायुक्त स्तर से की जाने वाली सख्ती के बादजूद अपना काम जारी रखता है।
लिखा पढ़ी भूरी जमीनी हकीकत अधूरी
अवैध कालोनियों को लेकर एमडीए की जहां तक बात है तो जितने भी जोनल अधिकारी या जेई होते हैं वो खुद को किसी भी जांच से बचाने के लिए अपने स्तर से फाइलों में कागजी कार्रवाई पूरी रखते हैं। मसलन अवैध कालोनी पर नोटिसों का अंबार, बार-बार चालान, थाने में एफआईआर सरीखी तमाम कार्रवाई लगातार जारी रहती हैं, यह बात अलग है कि यह सब केवल कागजों पर होता है, इस कार्रवाई और जमीनी हकीकत का आपस में कभी कभार ही तालमेल नजर आता है। यही कारण है जो पूरा मेरठ इन दिनों अवैध कालोनियों का स्लम एरिया बनता जा रहा है।
यह कहना है जोनल अधिकारी का
जोन बी की अवैध कालेानियाें को लेकर जब एमडीए के जोनल अधिकारी विमल सोनकर से सवाल किया गया तो उन्हाेंने बताया कि जो भी अवैध कालोनियां काटी जा रही हैं उन सभी को नोटिस दिए गए हैं। जो भी विधि संवत कार्रवाई है वह की जा रही है।