क्या होता है भाईचारा सुमित ने बताया, नफरत की बात तो सभी करते हैं। एक दूसरे के खिलाफ जहर भी उगलते हैं, लेकिन भाईचारा होता क्या है इसको बताया ही नहीं बल्कि साबित भी किया मेरठ के सुमित प्रधान ने। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जब तमाम दलों के नेता केवल अपने-अपने वर्ग में झंड़ा रोहण कर रहे थे, तब परशुराम सेना के पंड़ित सुमित प्रधान ही संभवत: एक मात्र ऐसे सामाजिक सरोकारों से जुड़े शख्स नजर आए जिन्हें सभी वर्ग और संप्रदाय के लोगों ने झंड़ा रोहण के लिए आमंत्रित किया। सुमित ने किसी को निराश नहीं किया। वह भाजपा का गढ़ समझे जाने वाले माधवपुरम भी गए तो जलीकोठी के मुस्लिमों के बीच भी पहुंचे। उन्होंने पंजाबियों का इलाका माने जाने वाले टीपीनगर में भी पहुंचकर राष्ट्र ध्वज तिरंगे काे नमन किया। तमाम स्थानों पर ध्वजारोहण किया। जलीकोठी में आयोजित समारोह में पहुंचने पर सुमित प्रधान को जोरदार स्वागत किया गया। उन्हें सुगंधित फूलों की माला से लाद दिया गया। लोगों ने उनकी जय-जयकार व जिंदाबाद के नारे लगाए। उन्होंने कहा कि आज का दिन तिरंगे का दिन है आज केवल भारत माता की जय की बात की जाए। पंड़ित सुमित प्रधान का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। उनका मानना है कि इंसान की पहचान उसके काम से होनी चाहिए। नफरत को नफरत से नहीं जीता जा सकता। सुमित दुनिया के तमाम उन नामों का जिक्र करते हैं जो दुनिया को जीतने निकले थे, वो कहते हैं कि जो दुनिया को जीतने के इरादे से निकले थे आज वो कहां हैं, कोई उनका नाम लेवा भी नहीं है।कहां गर्त हो गए, इस मिट्टी से पूछ लो। वो कहते हैं कि नफरत की बात करने वाले यदि एक बार इस मिट्टी की ओर देख लें जिसमें एक दिन सभी को मिल जाना है तो दुनिया से नफरत का नामोनिशान ही मिट जाएगा। पंड़ित सुमित प्रधान जोर देकर कहते हैं कि यह दुनिया और हमारे देश भारत मोहबत से चलेगा नफरत से नहीं। पूरी दुनिया को भारत मोहबत से जीता है।