लक्ष्मीकांत हैं तो भी मुमकिन है

एक ओर गिफ्ट के मूड में वाजेपयी
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लक्ष्मीकांत हैं तो भी मुमकिन है, रेलवे रोड टू टीपीनगर वाया आर्मी एरिया इन रिंग रोड या कहें बाईपास को लेकर मेरठवासी दशकों से एडियां रगड़ रहे थे, प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद डा. लक्ष्मीकांत वाजेपयी ने मामले में हाथ डाला तो काम बनने में देरी नहीं लगी। रेलवे रोड से टीपीनगर बागपत रोड जाने के लिए एक बड़ी आबादी दशकों से आंदोलन कर रही थी तमाम जनप्रतिनिधियों की ढयोढी पर परिक्रमा कर चुकी थी, लेकिन निराश के अलावा कुछ हासिल नहीं हुआ। विधानसभा चुनाव से पहले भी इसको लेकर आंदोलन किया गया। आखिर में लोग डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी से मिलने पहुंचे तो अगले ही दिन इस मामले की जो फाइल एमडीएम में अगद का पांव हो गयी थी जिसको कोई हिला नहीं पा रहा था वो दौड़ने लगी। दौड़ी भी ऐसी की प्रपोजल सीधे रक्षा मंत्रालय पहुंच गया। रक्षा मंत्रालय प्रजोजल पहुंचा तो वहां भी राज्यसभा सांसद डा. वाजपेयी ने अपने चिरपरिचित अंदाज में, प्रजोपज को पास कराकर ही दम लिया। हालांकि इसके लिए रक्षा मंत्रालय के टॉप आफिशल से लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तक उन्हें दौड़ लगानी पड़ी। वैसे यह भी उल्लेख करना जरूरी है कि मेरठ भाजपाइयों में यदि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से कोई आग्रहपूर्ण तरीके से काम कर सकता है वो डा. लक्ष्मीकांत ही हैं। दोनों के करीबी संबंध किसी से छिपे नहीं हैं। रेलवे रोड से टीपीनगर बागपत रोड  के लिए सिटी स्टेशन से सटे आर्मी एरिया के बीच से रास्ता की एनओसी से बड‍़ा कोई दूसरा सबूत नहीं हो सकता। मेरठ के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी है कि दशकों पुरानी मांग पूरी होने जा रही है। सेना की एनओसी मेरठ के सैन्य अफसरों के अलावा स्टेशन सब एरिया हैड क्वार्टर, डीईओ कैंट व सीईओ कैंट बोड के यहां पहुंच गयी हैं। इस काम की तमाम अड़चने दूर हो गयी हैं। यह खबर जब इस संवाददाता ने आंदोलनकारियों को दी तो उनके मुंह से निकला लक्ष्मीकांत हैं तो भी मुमकिन है।

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