LLRM में अब नेफ्रोलॉजी की भी सुविधा, गुर्दा रोगियों को अब महंगे इलाज या फिर दिल्ली या ग्रेटर नोएडा जानी की जरूरत नहीं, क्योंकि एलएलआरएम है ना। मेडिकल के प्रधानाचार्य डा. आरसी गुप्ता के कुशल निर्देशन में अब मेडिकल में नेफ्रोलॉजी विभाग (गुर्दा रोग) पूर्ण रूप से क्रियाशील हो गया है। यह जानकारी शुक्रवार को मीडिया को प्रधानाचार्य डा. आरसी गुप्ता व मीडिया प्रभारी डा. वीडी पांडेय ने दी। उन्होंने बताया कि नेफ्रोलॉजी विभाग पूर्ण रूप से क्रियाशील है। डॉ. इंद्रजीत एवम डॉ. अर्पित श्रीवास्तव सोमवार से शनिवार प्रतिदिन ओ पी डी करते हैं। डायलिसिस के लिए आठ बेड भी हें। रीनल बायोप्सी, मरीज में सेंट्रल लाइन कैथेटर आरोपित करने की भी सुविधाएं उपलब्ध हैं। हमारा मुख्य धेय यह है कि मरीज के गुर्दा रोग के लक्षणों की शीघ्र पहचान कर इलाज आरम्भ करना है ताकि मरीज को डायलिसिस तक जाने की स्थिति ही पैदा न हो उससे पूर्व ही मरीज स्वस्थ हो जाये। किसी को यदि गुर्दा रोग के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत मेडिकल कालेज में स्वास्थ लाभ ले सकते हैं। मीडिया प्रभारी डॉ वी डी पाण्डेय ने बताता की डॉ इंद्रजीत सहायक आचार्य नेफ्रोलॉजी विभाग ने कहा कि गुर्दा रोग से ग्रसित मरीजों के मुख्य लक्षण में पाॅव में सूजन आना, मूत्र में रक्त का आना, पेशाब कम मात्रा में आना, मिचली आना, थकान महसूस करना, स्वाश फूलना ( स्वाश चढ़ जाना), युवाओं में रक्त चाप बढ़ जाना आदि। डॉ अर्पित श्रीवास्तव ने कहा कि लक्षण हैं तो उसे अनदेखा ना करें उसे गम्भीरता से लें और वो शीघ्र अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र जा कर चिकित्सक से सम्पर्क करें और यदि वो गुर्दा रोग से ग्रसित हैं तो मेडिकल कॉलेज के गुर्दा रोग विभाग में आ कर उचित स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करें। इलाज यदि जल्दी शुरू हो जाता है तो सम्भवतः गुर्दों को बचाया जा सकता है डायलिसिस जैसी गम्भीर स्थिति नही पैदा होती है। इस अवसर पर प्रधानाचार्य डॉ आर सी गुप्ता, सुपरस्पेशलिटी विभाग प्रमुख डॉ सुभाष दहिया, मीडिया प्रभारी डॉ वी डी पाण्डेय, डॉ इंद्रजीत, डॉ अर्तित श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।