माफिया, अफसर, नेता व बिल्डर गठजोड़,मेरठ। अपराध गतिविधियों में लिप्त माफियाओं, भ्रष्ट अफसरों व नेताओं के बिल्डराें के गढ़ जोड़ के आगे मेरठ को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित करने का दम भरने वाला मेरठ विकास प्राधिकरण घुटनों पर आ गया लगता है। अवैध कालोनियों और निर्माणों के खिलाफ ध्वस्तीकरण अभियान का दम भरने वाले प्राधिकरण के अफसरों के स्तर से अवैध कालोनियों के खिलाफ उस ध्वस्तीकरण का मेरठ के लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं जिसका चलाने की हुंकार भरी जाती थी। प्राधिकरण सचिव चंद्रकांत तिवारी मेरठ में साै से ज्यादा अवैध कालोनियों की लिस्ट व उनको ध्वस्त करने की बात किया करते थे, लेकिन न तो आज तक सौ अवैध कालोनियों व निर्माण की लिस्ट जारी हो सकी न ही इन अवैध बतायी जा रही कालाेनियों की ध्वस्तीकरण की कोई सूरत नजर आ रही है। अवैध कालोनियों की यदि बात की जाए तो मेरठ आउटर के जितने भी इलाके हैं वहां अवैध कालोनियों का जाल देखा जा सकता है। एमडीए के किला रोड की यदि बात की जाए तो यहां सपा के एक पूर्व नेता जो खुद को अब भाजपाई साबित करने तुला है अवैध कालोनी काट रहा है। इस जोन के अवर अभियंता धीरज यादव की मानें तो इस कालोनी में निर्माण का काम रूकवा दिया गया है, लेकिन अवर अभियंता के दावों की पोल मौके पर चल रहा है काम खोल रहा है। यह कालोनी कोई प्रजापति नाम का शख्स काट रहा बताया जाता है। इसी इलाके में पवित्र मित्रा नाम का बिल्डर भी अवैध कालोनी काट रहपा है। मवाना रोड मीनाक्षीपुरम से लेकर अम्हेडा तक अवैध कालोनिया तेजी से काटी जा रही है। रूडकी रोड सोफीपुर हिन्दू शमशान घाट के पास खेत में अवैध मार्केट बनाने वाले दौराला के भूमाफिया के आगे तो पूरा एमडीए नतमस्तक अवस्था में है। रामा कुंज नाम के इस अवैध मार्केट जिसमें सौ से ज्यादा दुकानें हैं दिन रात काम जारी है। जिस दबंगई से दौराला का भूमाफिया यहां काम करा रहा है उससे तो यही लगता है कि यह भूमाफिया अब एमडीए के वजूद को भी चुनौती देने पर उतर आया है। जहां काम चल रहा है वहां बाउंसर देखे जा सकते हैं। दिन भर लग्जरी गाडियों में नेताओं और अफसर नजर आने वाले लोगों की आवाजाही रहती है। लेकिन दौराला के इस भूमाफिया का यह अवैध मार्केट ध्वस्त करने के लिए एमडीए का बुलडोजर नजर नहीं आता। इस भूमाफिया के अलावा सोफीपुर लावड रोड पर बाग तक के रास्ते में सड़क के दोनों ओर इन दिनों अवैध कालोनियों का काम चल रहा है। कई कई बीधा जमीन में ये अवैध कालोनिया काटी जा रही हैं। जानकारों की मानें तो अपराधिक प्रवत्ति की माफियाओं, सत्ताधारी दल के कुछ ऐसे नेताओं जो जिसकी सत्ता उसके साथ पाला बदलने में माहिर होते हैं, बड़े अफसरों व बिल्डरों का गढ जोड़ ही अवैध कालोनियों के पीछे है। इस गढजोड़ की पावर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एमडीए के स्तर से जमीन पर कोई कार्रवाई नजर नहीं आ रही है। बिल्डर बने भूमाफिया खुलकर खेल रहे हैं। एमडीए प्रशासन भले ही कुछ भी दावा करता रहे, लेकिन हकीकत तो यह है कि पूरा मेरठ अवैध कालोनियों की चपेट में है। सूबे की योगी सरकार को ये अवैध कालोनियां हर माह करोड़ों के राजस्व का फटका लगा रही हैं। हैरानी तो इस बात की है कि एमडीए व दूसरे विभाग के अफसर जिनकी सीधी जिम्मेदारी इस प्रकार की अवैध कालोनियों को ध्वस्त करने की है, चर्चा है कि मुट्टी गरम होने के बाद इन विभागों के अफसरों ने भी कार्रवाई के सवाल पर अब अपने हाथ बांध लिए हैं।