
ममता ने किया 15 दिन का इंतजार, नो माह तक कोख में पालने वाली मां को अपने कलेजों के एक दो नहीं बल्कि तीन टुकड़ों को कलेजे से लगाने को एक दो नहीं बल्कि 15 दिन इंतजार करना पड़ा। शुक्रवार को तीन बच्चे मां की गोद में पहुंचे तो कलेजे से लगाकर उनकी आंखें भर आयी, मानों जिंदगी मिल गयी हो। एलएलआरएम मेडिकल के प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता जो ऐसे कठिन और चुनौती पूर्ण कामों के लिए अब प्रदेश भर के स्वास्थ्य विभाग में अपनी खास पहचान बना चुके हैं, उनकी ही प्रेरणा से यह सब संभव हो सका। मेडिकल मीडिया प्रभारी डा. वीडी पांडेय ने बताया कि 15 अप्रैल को मेरठ मेरठ लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में दुर्गा नगर निवासी नैना उम्र 26 साल पत्नी रॉबिन सक्सेना जो 8 माह 3 सप्ताह कुल 35 सप्ताह की गर्भवती थी, उसका प्रसव हुआ। नैना की यह पहली डिलेवरी थी, ऑपरेशन से महिला का प्रसव हुआ तो उसके आंगन में एक साथ तीन किलकारी गूंजी। नैना ने दो बेटों एक बेटी को जन्म दिया। तीन बच्चों में पहला लड़का है जिसका वजन 2 किग्रा। दूसरा लड़का1.9 किग्रा। तीसरा बच्चा लड़की का वजन 1.5 किग्रा था। तीनों बच्चे स्वस्थ थे, लेकिन तीसरे दिन अचानक बच्चों को सांस लेने में परेशानी हुई उन्हें NICU में भर्ती करना पड़ा। बच्चों को सांस लेने में दिक्कत थी,इसलिए उनको वेंटिलेटर पर रखा। साथ ही फ्ल्यूड दिया गया। एक से ज्यादा बच्चे होने पर ऐसी दिक्कत हो जाती है। लगभग 13 दिन से बच्चे NICU में ही भर्ती थे। बृहस्पतिवार से हालत में सुधार था इसलिए शुक्रवार को नवजातों को छुट्टी दे दी है। बच्चों के सभी वाईटल आर्गन ठीक हैं, फीडिंग भी कर रहे हैं। पहले बच्चों को सांस के साथ वाईटल आर्गन फंग्श्निंग में भी दिक्कत थी। इस शानदार मौके पर मेडिकल प्रशासन के तमाम आला अधिकारी भी मौजूद रहे। जिस मां ने इन तीन मासूमों को जन्म दिया है उनके पांव खुशी से जमीन पर नहीं पड़ रहे थे। अपने तीनों बच्चों को लेकर वह बहुत जल्दी अपनों के बीच यानि परिवार के बीच पहुंचना चाहती थीं ताकि सभी उसकी खुशियों में शामिल हो सकें।
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