एमडीए पर भारी अवैध निर्माण

एमडीए पर भारी अवैध निर्माण
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एमडीए पर भारी अवैध निर्माण, -अवैध निर्माण पड़ रहे हैं भारी-एमडीए की है लाचारी- जिस मेरठ को स्मार्ट सिटी बनाने का दावा एमडीए व सिस्टम को चलाने वाले दूसरे अफसर आए दिन करते हैं, उसी मेरठ शहर में अवैध निर्माण मेरठ विकास प्राधिकरण पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं। हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई अवैध निर्माण ऐसे हैं जिन पर एमडीए की टीम ने सील लगायी। लेकिन चंद घंटों बाद ही अवैध निर्माण कर्ता ने न केवल उस सील को तोड़ दिया बल्कि अपनी दबंगई दिखाते हुए अवैध रूप से बनाए जा रहे कांप्लैक्स की एक ओर मंजिल का लैंटर भी डाल दिया। अवैध निर्माण काे लेकर एमडीए की दिशा और दशा तथा लाचारी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिन भी कांप्लैक्सों पर सील लगायी गयी, उनमें से कुछ कांप्लैक्सों का निर्माण पूरा हो गया है और उन कांप्लेक्स में कुछ की दुकानें भी बिक चुकी हैं। इसके लिए ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं है। एमडीए कार्यालय जहां खुद उपाध्यक्ष व सचिव के अलावा स्टाफ के नाम पर पूरा अमला व कई-कई जेसीबी मौजूद हैं उससे चंद कदम की दूरी पर फूलबाग कालोनी एसके रोड पेट्रोल पंप के सामने पवित्र मित्र का पेट्रोल पंप है। यह वही पवित्र मित्रा हैं जिन्होंने एक आरटीआई एक्टिवस्ट अरूण पर जानलेवा हमला किया था और वर्तमान में एमडीए के किला रोड जाेन में भी अवैध कालोनी काट रहे हैं। लेकिन आज बात की जा रही है एमडीए के जाेए ए-3 फतेहउलापुर रोड पर अवैध रूप से इंतजार मलिक नाम के शख्स द्वारा बनवाए जा रहे अवैध कांप्लैक्स की। इस जोन के जोनल अधिकारी निरंकार तोमर व अवर अभियंता साेमेन्द्र चौहान हैं। वहीं दूसरी ओर इंतजार मलिक का कहना है कि मैट राजेन्द्र ने उसकी सेटिंग जोनल अधिकारी अवर अभियंता से करा दी है। इस संबंध में जब जोनल अधिकारी व अवर अभियंता से सवाल किया तो उन्होंने रहस्मयी चुप्पी साध ली। शहर में अवैध निर्माणो की यूं तो लंबी फेरिस्त है। एमडीए प्रशासन के उच्च पदस्थ अधिकारी यदि रूड़की रोड जोन के भ्रमण पर निकलें तो पता चलेगा कि श्रीराम प्लाजा में कांप्लैक्स में जहां पार्किंग के लिए जगह तय थी वहां भी दुकानें बनाकर बेच दी गयी हैं। इसके अलावा लावड रोड पर तो अवैध कांप्लैक्सों की कोई गिनती ही नहीं हैं। सबसे बड़ा कांप्लैक्स तो इस मार्ग पर दौराला के भूमाफिया ने हिन्दू शमशान घाट के पास बनाया है। रूड़की रोड जाेन का यदि मौका मुआयना कर लिय जाए तो सच्चाई सामने आने में एक पल की देरी नहीं लगेगी साथ ही यह भी साफ हो जाएगा कि अवैध निर्माणों को लेकर धारा न्यूज की केवल सच परसो रहा है, भले ही जोन अधिकारी या अवर अभियंता कुछ भी कहानी सुनाते रहें। लेकिन अवैध निर्माणों को लेकर जोनल अधिकारी व अवर अभियंता जो भी सफाई देते हो, धारा न्यूज की रिपोर्ट के आगे उनकी कहानी एक पल नहीं टिकेगी, लेकिन इसके लिए एमडीए के उच्च पदस्थ को भौतिक सत्यापन के लिए निकलना होगा। लिसाडीगेट इलाके के जोन में अवैध निर्माणों की भरमार है। इस जोन में फलक पैलेस के सामने बड़े अवैध निर्माण पर एमडीए के टीम ने सील लगायी थी, लेकिन उस सील तो तोड़कर वहां एक और लैंटर डाल दिया गया। इसी प्रकार खैर नगर में पप्पू बिल्डर के पुत्र ने एक मकान को खरीद कर वहां कांप्लैक्स बना दिया है। इसी प्रकार रेलवे रोड पर भी तीन मंजिला अवैध कांप्लैक्स बन गया। रेलवे रोड इलाके में और भी कई अवैध कांप्लैक्स बना दिए गए हैं। जिन जोन में अवैध कांप्लैक्स बनाए जा रहे हैं वहां के एमडीए के जोनल अधिकारी व अवर अभियंता भले ही कुछ भी सफाई देते रहें, कहते रहें, लेकिन सच्चाई यह है कि जोन के स्टाफ की मर्जी के बगैर एक भी शख्स घर में टायलेट तक नहीं बना सकता। कई दुकानों का कांपलैक्स तो बहुत दूर की बात है। लेकिन सवाल यह नहीं कि अवैध निर्माण किए जा रहे हैं। इनमें जोनल अधिकारी व अवर अभियंता की मिली भगत है। असल सवाल यह है कि अवैध कांप्लैक्सों के निर्माण को रोकने के लिए कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। या फिर यह मान लिया जाए कि नवागत अफसरों से जो उम्मीद की जा रही थी वो भी एक दिन टूट जाएगी। जैसा चल रहा है वैसा चलने दो की तर्ज पर ही एमडीए को चलाया जाएगा। इस संबंध में एमडीए उपाध्यक्ष व सचिव से संपर्क का प्रयास किया गया, लेकिन उनका नंबर संभवत: नेटवर्क इश्यू के चलते आउट आफ रेंज जाता रहा।

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