मेडिकल में डिजिटल सब-ट्रेशन एंजियोग्राफ़ी, लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज मेरठ में डिजिटल सबट्रेशन एंजियोग्राफ़ी किये जाने के संबंध में लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज मेरठ डॉ आर०सी० गुप्ता के नेतृत्व में दिन प्रतिदिन नयी नयी ऊंचाइयों को छू रहा है। इसी क्रम में पश्चिमी यू०पी० के सरकारी संस्थान मेडिकल कॉलेज मेरठ में पहली बार डिजिटल सबट्रेशन एंजियोग्राफ़ी (डी०एस०ए०) टेस्ट किया गया। इस टेस्ट के द्वारा दिमाग़ की सभी प्रकार की खून की नसों की जाँच की जाती है। इस टेस्ट में एक कैथिटर द्वारा दिमाग़ की खून की नसों तक पहुँचा जाता है और उनमे होने वाले प्रवाह को देखा जाता है। इस टेस्ट की मदद से ब्रेन स्ट्रोक एवं दिमाग़ की अन्य बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। दिमाग़ के अंदर नसों के होने वाले ब्लड वेसल संबंधित सभी जानकारिया मिल जाती है। इस टेस्ट के द्वारा दिमाग़ में होने वाली ब्लीडिंग, खून का थक्का जमना, दिमाग़ी नसों में आपस में होने वाले ग़लत कनेक्शन के बारे में भी सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकती है। सरकारी संस्थानों में इस टेस्ट को कराने के लिए मरीज़ो को पहले दिल्ली या पी०जी०आई० चंडीगढ़ जाना पड़ता था लेकिन अब इस टेस्ट की सुविधा मेडिकल कॉलेज मेरठ में उपलब्ध है। मेडिकल कॉलेज मेरठ में यह टेस्ट न्यूरोलॉजी विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ दीपिका सागर द्वारा किया जा रहा है। डॉ दीपिका सागर ने बताया की इस टेस्ट की मदद से मरीज़ो की दिमाग़ी बीमारियों को समझने व उनके बेहतर इलाज करने में मदद मिलती है। यह टेस्ट प्राइवेट हॉस्पिटल में लगभग २५ हज़ार से ३० हज़ार तक होता है लेकिन मेडिकल कॉलेज मेरठ में यह टेस्ट न्यूनतम दरो पर किया जा रहा है। अब ब्रेन स्ट्रोक एवं अन्य दिमाग़ संबंधित गंभीर बीमारियों के इलाज हेतु दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा। इस टेस्ट को मोयामोया बीमारी से ग्रसित मरीज़ रीना पर किया गया, मरीज़ रीना के दिमाग़ का ऑपरेशन ऐम्स दिल्ली में हुआ था। उपरोक्त जाँच को कराने के लिए उन्हें दिल्ली जाना पड़ता था या फिर प्राइवेट हॉस्पिटल में महंगी जाँच करानी पड़ती थी। अब यह जाँच मेडिकल कॉलेज मेरठ में होने से मरीज़ काफ़ी खुश है। प्रधानाचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने इस जाँच को मेडिकल कॉलेज मेरठ में शुरू किए जाने के लिए न्यूरोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ दीपिका सागर को बधाई दी।