मेडिकल में साक्षरता शिविर, एलएलआरएम मेडिकल कालेज विधिक साक्षरता शिविर एवम जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मेडिकल कालेज के मीडिया प्रभारी डा वी डी पाण्डेय ने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री विनोद शर्मा (जज) सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मेरठ ने की। कार्यक्रम का संयोजन डा वन्दना धामा तथा संचालन डा वी डी पाण्डेय ने किया। श्री मति ममता तिवारी एडवोकेट ने एक्ट्स के लीगल पहलू पर प्रकाश डाला। श्री बलराज सिंह एडवोकेट लैंगिक न्याय, घरेलू हिंसा के कारण और इसके दण्ड के अधिनियम में उल्लेखित प्रावधानों को विस्तार से बताया। पैनल एडवोकेट श्री मति पूनम ढिल्लन ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट 1971 पर प्रकाश डाला। स्त्री एवम प्रसूति रोग विभाग की आचार्य डा वन्दना धामा ने प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम 1994 के अनुपालन का महत्व बताया। डा वन्दना ने कहा कि प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण एक कानूनी अपराध है इसमें कठोर सजा का प्रावधान है। श्री विनोद कुमार शर्मा कहा कि सभी चिकित्सकों, सवास्थ्य कर्मियों को सभी संबंधित अधिनियम का अक्षरशः पालन करना चाहिए जिससे कोई भी बाद चिकित्सक एवम मरीज के मध्य स्थापित न हो सके। उन्होंने सभी चिकित्सकों एवम छात्र छात्राएं को संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों के विषय में जागरूक होने की भी शिक्षा दी तथा कहा कि मिनिमम लीगल नॉलेज सभी नागरिकों को होनी चाहिए आप मेडिकल चिकित्सकीय ज्ञान के साथ थोड़ा कानूनी ज्ञान भी अवश्य अर्जित करें जिससे आप अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो सकेंगे एवम आपको कोई भी मूर्ख नहीं बना सकता है। मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु डा वन्दना धामा एवम डा वी डी पाण्डेय को बधाई दी। इस अवसर पर डॉ रचना चौधरी, डा कपिल डा शिखा, डा निर्मल सिंह, डा चंकी कुमार, डा सारस्वत, स्त्री एवम प्रसूति रोग, रेडियोलॉजी विभाग के जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर, एम बी बी एस, रेडियोलॉजी टेकनीसियन के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।