मीट प्लांट के बाद हॉस्पिटल

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मीट प्लांट के बाद हॉस्पिटल, पूर्व विधायक व बसपा नेता हाजी याकूब कुरैशी व उनके परिवार की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। योगी सरकार के अधिकारी किसी प्रकार की रियायत के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं। हापुड़ रोड स्थित याकूब के परिवार के मीट प्लांट के बाद बुधवार को मेरठ के अधिकारियों ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए हाजी याकूब द्वारा संचालित किए जा रहे उनके हॉस्पिटल को भी सील कर दिया।  हाजी याकूब कुरैशी के अस्पताल को सील करने टीम के साथ पहुंंचे। डॉक्टर सुधीर कुमार ने बताया कि यह हॉस्पिटल बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित किया जा रहा था। बुधवार सुबह पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी के हापुड़ रोड पर बने माय सिटी हॉस्पिटल पर डिप्टी सीएमओ डॉक्टर जावेद हुसैन एवं डॉक्टर सुधीर कुमार के नेतृत्व में सीलिंग की कार्रवाई की गई। सुरक्षा की दृष्टि से नौचंदी थाने से पुलिस फोर्स की साथ भेजा गया है। डॉक्टर सुधीर कुमार ने बताया कि यह हॉस्पिटल बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित किया जा रहा था। 2019 से अस्पताल का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया रिन्यूअल़: सीएमओ डॉ अखिलेश मोहन का कहना है कि 2019 से अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल नहीं कराया गया था।  इस संबंध में इन्हें तीन बार नोटिस भी दिए गए लेकिन उसका भी कोई जवाब नहीं दिया गया। लिहाजा इसी क्रम में यह कार्रवाई की गई है। शहर में अवैध हॉस्पिट की भरमार: स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन का रिन्यूअल नहीं कराया गया था। पूरे जनपद में बड़ी संख्या में ऐसे हॉस्पिटल संचालित किए जा रहे हैं जिनके रजिस्ट्रेशन का रिन्यूअल नहीं कराया गया है। आईएमए खुद कह चुका है कि जो नए कायदे कानून तय किए गए हैं उनमें फायर एनओसी व रिन्यूअल संभव नहीं है। बड़ा सवाल यही कि केवल हाजी याकूब का ही हॉस्पिटल क्यों। यदि यह ठीक है तो क्या स्वास्थ्य विभाग पूरे जनपद के हॉस्पिटलों के खिलाफ ऐसा ही कोई अभियान चलाने की हिम्मत जुटाएगा। या फिर हाजी याकूब को अधिकारियों ने साफ्ट टारगेट मान लिया है।

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