महिला वकील ने मांगा इंसाफ, मेरठ। सिस्टम के चक्कर लगा-लगा कर थक चुकी अधेड़ महिला अधिवक्ता का सब्र सोमवार को जबाव दे गया। कलेक्ट्रेट स्थित अपने कार्यालय से बाहर की ओर जा रहे जिलाधिकारी दीपक मीणा की कार परेशान हाल इस महिला अधिवक्ता ने रोक ली। रोते हुए आरोप लगाया कि प्रशासन भले ही कुछ भी दावे करे, लेकिन हकीकत यह है कि कहीं किसी की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उसने बताया कि उसके मकान पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है। एसएसपी से कई बार शिकायत कर चुकी है। महिला ने आरोप लगाया कि वह डीएम कार्यालय आती है तो उसको मिलने नहीं दिया जाता। अब डीएम साहब ही बता दें कि वह जाए तो कहा जाए।
यह कहते हुए महिला फूट-फूट कर रोने लगी। उसने कहा कि उसके पति की मौत हो चुकी है। उसके शरीर में इतनी ताक नहीं बची है कि सोए हुए सिस्टम को जगाने के लिए रोज मुजफ्फनगर से मेरठ आकर अधिकारियों की परिक्रम करे। उसने डीएम से कहा कि उसके साथ इंसाफ किया जाना चाहिए उसकी बात सुनी जानी चाहिए।
महिला अधिवक्ता ने सवाल किया कि क्या कारण है जो स्टाफ डीएम से मिलने नहीं देता।
यह पूरा मामला मुजफ्फनगर निवासी अधिवक्ता एस मेहरा से जुड़ा है। उन्होंने बताया कि इस साल फरवरी माह में शास्त्री नगर सेक्टर 9 स्थित उनके मकान में शादाब पुत्र महफूज ने ताला तोड़कर कब्जा कर लिया था।
जैसे ही उन्हें किसी ने इसकी जानकारी दी तो उनका पूरा परिवार दौड़ा-दौड़ा मुजफ्फर नगर से मेरठ आया। थाने में पहुंचे तो वहां बजाए सुनवाई कर कार्रवाई करने के धक्के मार कर निकाल दिया
महिला अधिवक्ता ने बताया कि फरवरी माह से अब तक वह लगातार पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगा रही हैं।
अब तक एडीजी, आईजी, एसएसपी और डीएम कार्यालय के न जाने कितने चक्कर लगा चुकी हैं। उन्होंने डीएम व एसएसपी के रवैये से नाुखशी जाहिर की।
महिला अधिवक्ता ने जानकारी दी कि निकाय चुनाव के दौरान वह हर दूसरे दिन मेरठ आती थीं। तब पुलिस प्रशासन के दोनोंं बड़ी अधिकारी एक ही कक्षा में बैठा करते थे। बार-बार उन्हें समस्या की जानकारी भी दी, लेकिन अभी तक अवैध रूप से काविज शादाब को उनके मकान से नहीं निकला जा सकता है। आरोपी अपराधि प्रवृत्ति का शख्स है और जेल भी जा चुका है।
एस मेहरा ने बताया कि वह मुजफ्फर नगर बार एसोसिएशन से जुड़ी हैं।
उन्होंने कहा कि सोमवार की सुबह वह डीएम दीपक मीणा से मिलने को पहुंची थी, लेकिन यहां के कर्मचारियों ने उन्हें डीएम तक पहुंचने नहीं दिया।
उनके पास डीएम की गाडी रोक कर अपनी बात कहने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था।
वहीं दूसरी ओर गाड़ी रोक डीएम दीपक मीणा ने इस महिला अधिवक्ता की बात ध्यान से सुनी और उन्हें भरोसा दिलाया कि हर हाल में उनकी मदद की जाएगी। महिला को इस परेशानी में देखकर दीपक मीणा ने उनका ढांढस बंधाया और कहा कि प्रशासन उनके साथ अन्याय नहीं होने देगा।