पीएम मोदी सबमें अव्वल: तोमर, मेरठ। सात साल में जितना काम दूसरी सरकारें नहीं कर सकीं, उससे कई गुना ज्यादा काम अकेले पीएम मोदी की सरकार ने मात्र 9 सालों में कर दिखाया। यह सिलसिला यूं ही आगे भी जारी रहेगा और साल 2027 तक भारत दुनिया के देशों का सिरमोर होगा। भारत विश्व की तीसरी बड़ी ताकत होगी। यह बात भाजपा के बड़े किसान नेता व राज्यसभा सांसद विजयपाल तोमर ने कही। राज्यसभा सांसद विजय पाल तोमर आज सोमवार को सिविल लाइन क्षेत्र में स्थित एक सभागार में मीडिया से मुखातिब थे। इस मौके पर संगठन के जिलाध्यक्ष विमल शर्मा, महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंहल, आलोक सिसौदिया, महानगर संगठन के संजय त्रिपाठी आदि भी मौजूद रहे। विजय पाल तोमर ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने वो कर दिखाया जो पिछले सत्तर सालों में नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के नेताओं के पास सिवाय पीएम नरेन्द्र मोदी के विरोध के अलावा कोई दूसरा काम नहीं है। पीएम का विरोध करते-करते विपक्षी दलों के नेता अब विदेशों की धरती पर आकर भी भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं। किसी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि जो लोग आज भारत में लोकतंत्र के खतरे में रहने की बात कहते हैं वो शायद यह भूल जाते हैं कि उनकी दादी और पिता के प्रधानमंत्रित्व काम में सबसे ज्यादा सरकारों को अस्थीर किया गया। वो लोग शायद इमरजैंसी का काला काल भी भूल गए हैं जब देश भर के विपक्षी दलों के नेता जेल में ठूंस दिए गए थे। पीएम मोदी की सरकार ने किसानों को सम्मान निधी देने का काम किया। महिलाओं के लिए इज्जत घर बनवाए, सरकारी मदद सीधे लाभार्थी के खाते में पहुंचे इसके लिए जीरो बैलेंस पर खाते खुलवाए गए। इसके अलावा सबसे बड़ा काम महिलाओं के लिए उज्जवला योजना लाने का किया गया। राज्यसभा सांसद विजयपाल तोमर ने विशेष रूप से कोरोना काल का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि देश की दवा कंपनियों ने पीएम मोदी से प्रेरणा पाकर ही को वैक्सीन इजाद की। सौ करोड़ भारतीयों को यह वैक्सीन मुफ्त लगायी गयी। केवल भारतीयों को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में भारत ने यह वैक्सीन भेजी।उन्होंने कहा कि किसानों के लिए जितना काम मोदी सरकार ने किया है इतना किसी अन्य सरकार ने नहीं किया। पहले यूरिया के लिए किसान लाठी डंडे खाता था, अब हालात पूरी तरह से बदल गए हैं। देश का युवा वर्ग पीएम मोदी के नेतृत्व में तेजी से आगे बढ़ रहा है। रोजगार के साधन मुहैय्या कराए गए हैं। पीसी के इस आयोजन में श्याम मोहन गुप्ता का योगदान उल्लेखनीय रहा।