कांवड़ यात्रा तैयारियों की समीक्षा

कांवड़ यात्रा तैयारियों की समीक्षा
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कांवड़ यात्रा तैयारियों की समीक्षा, सूबे के डीजीपी व प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में मेरठ कमिश्नरी में हुई यूपी, उत्तराखंड़, हरियाणा व दिल्ली  के आला प्रशासनिक व पुलिस अफसरों ने कांवड़ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की। इस बार उम्मीद है कि करीब चार करोड़ कांवड़ियां मेरठ से होकर गुजरेंगे। चार जुलाई से हाइवे पर भारी वाहनों की आवाजाही बंद कर दी जाएगी। इसके अलावा डीजे पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। 15 जुलाई को शिवरात्री का जलाभिषेक होगा। बैठक की शुरूआत मेरठ मंडल कमिश्नर सेलवा कुमारी की प्रस्तावना से हुई। उन्होंने बैठक के तमाम पाइंट बताए।  प्रमुख सचिव  संजय प्नसाद डीजीपी विजय कुमार  ने कहा कि मुख्यमंत्री के कांवड़ यात्रा की अच्छी तैयारियों के स्पष्ट निर्देश है। हम यहां इसलिए आए हैं, ताकि यात्रा की प्लानिंग पर बात हो सके। उन्होंने कहा कि सभी सीनियर ऑफिसर भी फील्ड पर जो अफसर प्लानिंग व दूसरे काम करते हैं उनसे बात करें। ताकि कांवड़ यात्रा को शांति पूर्वक अच्छे से संपन्न कराया जा सके। डीजीपी ने अफसरों से कहा कि कांवड़ रूट पर सड़कों पर दोनों ओर पर्याप्त सफाई का खास ख्याल रखें। इसमें चूक नहीं होना चाहिए। । प्रमुख सचिव और डीजीपी पुलिस, प्रशासनिक अफसरों के साथ कांवड़ यात्रा की तैयारियों पर चर्चा की । बैठक में 4 प्रदेशों के पुलिस, प्रशासनिक अफसर भी मौजूद हैं।  बैठक के से पहले प्रमुख सचिव और डीजीपी औघड़नाथ मंदिर पहुंचे वहां तैयारियों का जायजा लिया है। बैठक में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली के अफसर भाग लेने पहुंचे हैं। आसपास के जिलों के डीएम, एसएसपी भी शामिल हुए हैं।  बैठक  में कांवड़ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की गई,  ताकि कांवड़ यात्रा शांतिपूर्वक तरीके से भव्यता के साथ हो जाए। दोनों अफसर कांवड़ गंगनहर पटरी मार्ग को भी निरीक्षण किया। साथ ही वहां शिवभक्त कांवड़ियों के लिए व्यवस्थाएं देखीं। इसके बाद दिल्ली से देहरादून तक हाईवे का मुआयना किया। बता दें कांवड़ यात्रा के लिए यह सबसे भीड़ भाड़ वाला रूट है। दिल्ली से यूपी होते हुए उत्तराखंड में कांवड़िए इसी रूट से एंट्री करते हैं। तय किया गया कि 4 जुलाई से इस रूट पर बड़े वाहनों को बंद  किया जाए। इसके अलावा  रूट डायवर्जन का प्लान भी तैयार हो रहा है। मेरठ से सटे जिलों की सीमाओं पर भी कांवड़ यात्रा को लेकर तैयारियों की समीक्षा की गयी।   इस बार कांवड़ यात्रा में पहचान पत्र लेकर चलना अनिवार्य किया गया है। साथ ही डीजे पर प्रतिबंध हटाया गया है। पुलिस खुद डीजे के साउंड को कंट्रोल करेगी। 15 जुलाई को शिवरात्रि है। वहीं 12 फीट की कांवड़ को लेकर चलने पर बैन लगाया गया है। इस साल  लगभग 4 करोड़ से अधिक कांवड़ियों के आने की संभावना जताई जा रही है। जो हरिद्वार से जाकर जल लेंगे। भारी पुलिस बल की तैनाती और सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में पूरी कांवड़यात्रा कराई जाएगी।रूट डायवर्जन का एक टेंटेटिव प्लान तैयार हुआ है उसके अनुसार दिल्ली गाजियाबाद की ओर से आने वाले भारी वाहनों को हापुड़ बाईपास से किठौर के रास्ते मुजफ्फरनगर में एंट्री कराई जाएगी। हरिद्वार, देहरादून जाने वाले वाहनों को मीरापुर से गंगा बैराज और बिजनौर के रास्ते भेजा जाएगा। इस प्लान में तब्दीली भी हो सकती है।इस साल भी लगभग चार करोड़ से अधिक यात्रियों के आने की संभावना है। कांवड़ मेला क्षेत्र को 12 सुपर जोन, 32 जोन और 130 सेक्टरों में बांटकर सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। डीजे पर रोक नहीं होगी, पुलिस नियंत्रण करेगी। कांवड़ 12 फीट से ऊंची नहीं होगी।  कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए जगह-जगह पुलिस के नाके भी लगाए जाएंगे। जिन पर 10 से 15 पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी। कुछ स्थान ऐसे भी चिन्हित किए गए हैं जहां पर सीसीटीवी कैमरे लगाएं जाएंगे। जिससे असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जा सके।  बैठक में मेरठ की कमिश्नर सेलव कुमार, एडीजी प्रशांत कुमार, जिलाधिकारी दीपक मीणा, एसएसपी रोहित सजवाण आदि भी मौजूद रहे।

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