मुनि श्री ने तप के बताये दो प्रकार

मुनि जी ने तप के बताये दो प्रकार
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मुनि श्री ने तप के बताये दो प्रकार, मेरठ के साकेत स्थित जैन मंदिर में चल रहे पर्यूषण पर्व के सातवें दिन उत्तम तप के विषय परम पूज्य आचार्य श्री 108 ज्ञान भूषण जी मुनिराज ने बताया कि तप दो प्रकार का होता है। -बाहरी तप-और अंतरंग तप-उन्होंने बताया कि उत्तम तप का फल केवल उनको मिलता है जो राग द्वेष से दूर होकर मुनि हो जाते हैं और यह ही मोक्ष मार्ग का रास्ता है। इससे पूर्व पर्वराज पर्यूषण की शुरुआत भगवान के अभिषेक और शांति धारा से हुई। जैन मंदिर समिति के अध्यक्ष  दिनेश जैन ने बताया कि मुनि श्री का गुरूवार  का कार्यक्रम असोडा हाउस में है और वहीं से रथ यात्रा भी निकाली जाएगी। समिति के मंत्री श्री विजय जैन आनंद ज्वेलर्स वालों ने बताया कि मंदिर के कार्यक्रम यथावत चलते रहेंगे। मुनि श्री का पुनः आगमन साकेत मंदिर में होगा।  इस मौके पर भगवान शांतिनाथ के केवल ज्ञान का नाट्य मंचन किया गया। भगवान शांतिनाथ के समवशरण की रचना की गई। जिसमें समाज के अनेक भव्य जनों ने प्रश्न किए, जो कि मोक्ष मार्ग की ओर ले जाने वाले थे प्रश्न करने वालों को समिति के द्वारा उपहार प्रदान किए गए।  कार्यक्रम में भगवान शांतिनाथ को केवल ज्ञान प्राप्त हुआ जिसकी वजह से भगवान शांतिनाथ की वाणी खिली और भगवान शांतिनाथ के रूप में साक्षात मुनि श्री ज्ञान भूषण जी ने सभा में बैठे हुए जिज्ञासु की प्रश्नों का उत्तर दिया। भगवान को केवल ज्ञान प्राप्त होने पर साकेत जैन मंदिर समिति की महिला मंडल द्वारा मनमोहक नृत्य से भगवान की स्तुति की गई जिसमें संगीता जैन अनुराधा जैन अचला जैन पुष्प लता जैन उमंग जैन सीमा जैन रश्मि जैन मोनिका जैन आदि रहे मीडिया प्रभारी एडवोकेट विनीत जैन ने बताया क्षमावाणी पर्व 10 तारीख को साकेत जैन मंदिर में मनाया जाएगा आज के कार्यक्रम में डॉक्टर एनके जैन संजय जैन विजय जैन एडवोकेट विनीत जैन विनोद जैन इंजीनियर पीके जैन मधुर जैन आदि का विशेष सहयोग रहा सभा का संचालन मुख्य संयोजक श्री विशाल जैन ने किया।

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