निवाले पर डाका शासन को रिपोर्ट

निवाले पर डाका शासन को रिपोर्ट
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निवाले पर डाका शासन को रिपोर्ट, जिला आपूर्ति कार्यालय में बैठने वाले अफसरों की नाक के नीचे गरीबों के निवाले पर डाका डालने वाले राशन डीलर कोटेदार के खिलाफ मामला दर्ज करा माप तोल विभाग ने शासन को रिपोर्ट भेज दी है। विभाग के सीनियर इंस्पेक्टर द्वारा शासन के आईजीआरएस पोर्टल पर की गयी शिकायत को लेकर जांच के आदेशों का संदर्भ लेते हुए जो रिपोर्ट भेजी गयी है, उसमें कहा गया है कि विभाग की टीम जब अचानक मेडिकल थाना क्षेत्र के जाग्रति विहार इलाके के राशन डीलर अमरदीप शर्मा की दुकान पर पहुंची तो वहां राशन वितरण किया जा रहा था। काफी कार्ड धारकों को राशन दिया भी जा चुका था। उसी दौरान जब राशन की दुकान पर रखे इलैक्ट्राेनिक कांटे की जांच की गयी तो उसमें गड़बड़ी पायी गयी। इस संदर्भ में मामला दर्ज कर लिय है। कार्रवाई भी की जा रही है। दरअसल यह पूरा मामला राशन डीलर अमरदीप शर्मा से जुड़ा है। जिस पर कार्ड धारकों ने अनेक गंभीर आरोप लगाए हैं। इन आरोपों में मुख्यत गरीबों के निवाले पर डाका डाला जाना प्रमुख है। सूबे की योगी सरकार एक योजना के तहत गरीबों को पांच किलो राशन मुफ्त देती है। इस योजना में कार्ड धारकों को दो किलो गेंहू व तीन किलो चावल दिया जाता है। आरोप है कि उक्त राशन डीलर सूबे की योगी सरकार द्वारा गरीबों को दिए जाने वाले निवाले पर डाका डाल रहा है। कार्ड धारकों ने शासन के आईजीआरएस पार्टल पर भेजी गयी शिकायत में आरोप लगाया है कि पांच किलो के बजाए उन्हें चार किलो राशन ही दिया जा रहा है। इस चार किलो में भी घटतौली की जाती है। कई बार पर्ची देकर अंगूठा तो लगवा लिया जाता है लेकिन राशन नहीं दिया जाता है। उस माह का राशन ही फिर गायब कर दिया जाता है। इन तमाम आरोपों की शासन स्तर से जांच के आदेश मेरठ के जिला आपूर्ति अधिकारी को दिए गए हैं। लेकिन जांच के नाम पर केवल खेल का आरोप लगाया जा रहा है। इस मामले को शासन तक पहुंचाने वाले एक छात्र नेता की मानें तो जांच करने वाले सप्लाई इंस्पेक्टर आरोपों की जांच के बजाए उल्टे कोटेदार राशन डीलर अमरदीप को बचाने में पूरी ताकत लगाए हैं। यह स्थिति तो तब है जब माप तोल विभाग के छापे में उनकी इलैक्ट्रोनिक मशीन में गड़बड़ी पायी गयी है। ऐसे मामलों में आमतौर पर आरोपी के खिलाफ एफआईआर सरीखी कार्रवाई का प्रावधान है, लेकिन आरोपी पर एफआईआर कराने के बजाए सप्लाई इंस्पेक्टर शिकायत करने वाले कार्ड धारकों महज मैनेज करने के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं। जहां तक गरीबों के निवाले पर डाके का सवाल है तो ऐसा केवल अमरदीप जाग्रति विहार का राशन कोटेदार नहीं कर रहा है। लोगों का कहना है कि यदि जिला आपूर्ति अधिकारी कार्यालय से निकलकर जनपद की तमाम राशन दुकानों पर छापेमारी करें तो पता चलेगा कि कितनी दुकानों पर गरीबों के निवाले पर डाका डाला जा रहा है। और ऐसे राशन डीलरों को डीएसओ कार्यालय के किन-किस एआरओ व सप्लाई इंस्पेक्टरों का संरक्षण हासिल है। जनपद के अन्य राशन डीलरों की जांच की बात तो बाद में देखी जाएगी अभी तो मसला जिस राशन डीलर अमरदीप के यहां माप तोल विभाग ने गड़बड़ी पकड़ी है उस पर कार्रवाई का है। बड़ा सवाल यही कि डीएसओ कार्रवाई करेंगे या फिर लीपापोती कर दी जाएगी।

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