नौकरी देने वाले बनें तो बेहतर, मेरठ। रोजगार के सभी विकल्पों में से स्वरोजगार सबसे बेहतर विकल्प है। छात्रों को नौकरी मांगने वाले अभ्यर्थी की जगह नौकरी देने वाली भूमिका में आना होगा। स्वावलंबी भारत अभियान के तहत आईआईएमटी विश्वविद्यलय में विशेष व्याख्यान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलाधिपति योगेश मोहन गुप्ता ने उद्यमिता के महत्व को रेखांकित किया। छात्रों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने स्वरोजगार और उसके संभावित विकल्पों को आसान भाषा में समझाया। योगेश मोहन गुप्ता ने कहा कि किसी भी नए बिजनेस के लिए एक आइडिया और फाइनेंस की जरुरत होती है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विभाग प्रचारक धनंजय सिंह ने बताया कि इस समय युवा पीढ़ी के सामने रोजगार सबसे बड़ी समस्या बन चुका है। मगर सिर्फ सरकारी नौकरियों से इस समस्या का समाधान नहीं निकल सकता। प्रदेश और केंद्र सरकार स्वरोजगार के लिए हर संभव सुविधा दे रही हैं। छात्र इन योजनाओं का लाभ उठा कर आगे बढ़ सकते हैं। पूर्व में विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता और वरिष्ठ व्यापारी नेता अरुण वशिष्ठ ने कहा कि युवाओं को ऐसा मार्ग चुनना चाहिए जिसमें वो अपनी मेहनत और योग्यता का पूरा लाभ उठा सकें।केनरा बैंक से आए प्रियंक त्रिपाठी ने कहा कि कृषि से लेकर हर क्षेत्र में स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि छात्र उद्यम शुरु करना चाहते हैं तो केनरा बैंक सभी बैंकिंग संस्थाएं उनकी मदद समेत 12 सरकारी बैंक सब्सिडी और बाकी सुविधाएं देने के लिए तैयार हैं। जिला उद्योग केंद्र से आए मोहित ने एमएसएमई यानी माइक्रो एंड स्माॅल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज की योजनाओं को विस्तार से समझाया। उन्होंने अपने स्टार्ट अप के लिए इन योजनाओं का भरपूर फायदा उठाने का आह्वान किया। आईआईएमटी विश्वविद्यालय के प्रबंध निदेशक डाॅ मयंक अग्रवाल ने सभी वक्ताओं का आभार व्यक्त किया।