नौकरी की सेल पर बड़ा प्रहार, मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज में नौकरी बिकती है बोलो खरीदोगे, मानने वालों को कड़ा संदेश मेडिकल के प्रधानाचार्य डा. आरसी गुप्ता ने दिया है। सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ के नक्शे कदम पर चलते हुए भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस की नीति पर काम करते हुए जांच में दोषी पाए गए दो कर्मचारियो को बर्खास्त कर बाकियों को बता दिया कि एलएलआरएम में भ्रष्टाचार की कोई जगह नहीं है। मेडिकल में नौकरी बिकती है बोलो खरीदोगे यह समाचार इसी संवाददाता ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। मेडिकल कालेज के मीडिया प्रभारी डा. वीडी पांडये ने बताया कि उसी का संज्ञान लेते हुए प्रधानाचार्य ने बगैर देरी किए मेडिकल से संबद्ध सरदार बल्लभ भाई पटेल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक की अध्यक्षता में मामले की जांच को एक हाईलेबल कमेटी बना दी। इस कमेटी के सदस्यों ने बेहद बारीकी से एक-एक तथ्य की जांच की। जिनको इस पूरे कांड में किरदार माना जा रहा था, उनसे पूछताछ की गई। उन्हें अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया गया। डा. वीडी पांडेय ने बताया कि प्रमुख चिकित्सक की अध्यक्षता वाली इस कमेटी ने सभी तथ्याें का गहनता से जांच करने के बाद पाया कि प्रभात एवं अरूण नाम के कर्मचारी इस पूरे मामले में लिप्त हैं। प्रमुख चिकित्सक ने गुरूवार को अपनी रिपोर्ट प्रधानाचार्य को सौंपी जिस पर तत्काल एक्शन करते हुए डा. आरसी गुप्ता ने आरोपी बताए गए दोनों कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया, मसलन एलएलआरएम से उनके सेवाएं समाप्त कर दी गयीं। प्रधानाचार्य डा. आरसी गुप्ता के इस कठोर कदम से पूरे मेडिकल में हड़कंप मचा हुआ है। मिजाज व व्यवहार से बेहद नरम प्रधानाचार्य की पहचान रखने वाले डा. आरसी गुप्ता इतना कठोर कदम उठाएंगे या कार्रवाई करेंगे, इसकी शायद किसी को उम्मीद या भनक तक नहीं थी, लेकिन इस कार्रवाई के पीछे सीधा संदेश यही है कि डा. आरसी गुप्ता के रहते हुए मेडिकल में भ्रष्टाचारियों के लिए कोई जगह नहीं है। करीब से जानने वालों का कहना है कि डा. आरसी गुप्ता काम के नाम पर किसी भी प्रकार की रिश्वतखोरी व घूस के सख्त खिलाफ हैं। वह अपनी काबलियत और मेहनत के बूते पर कुछ भी हासिल करने में विश्वास करते हैं।