प्रियंका की आंखों को दी रोशनी, एलएलआरएम मेडिकल के न्यूरोलॉजी विभाग के अथक प्रयास के बाद आखिरकार प्रियंका की आंखाे की रौशन वापस आ गयी। मेडीकल कालेज के मीडिया प्रभारी डा वी डी पाण्डेय ने बताया कि प्रियांक उम्र 25 वर्ष निवासनी मसूरी मेरठ तीन माह पूर्व अपने घर के प्रथम तल की छत से नीचे जमीन पर गिर गई। गिराने के बाद प्रियंका के सर में चोट लगने से बाईं आंख ने अवांछित रूप से फड़कना शुरू कर दिया जिससे मरीज को देखने और चलने में बहुत परेशानी थी। मरीज ने मेडिकल कॉलेज मेरठ के न्यूरोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ दीपिका सागर से ओ पी डी में सलाह ली। डा दीपिका सागर ने बताया कि इस बिमारी को इनवॉलंट्री स्पास्मोटिक आई ब्लिंकिंग कंटिन्यूअसली कहते हैं। मेडिकल की भाषा में इसे पोस्टट्रोमेटिक ब्लेफरोस्पाज्म कहते हैं यह बहुत ही रेयर बिमारी है, मुश्किल से डायग्नोस्ट हो पाती है और इसका उपचार भी कठिन है। मरीज ने ओ पी डी में दिखाया उसका उपचार शुरू किया गया 7 दिन बाद से ही मरीज को आराम मिलने लगा था अब मरीज पुरी तरह से स्वस्थ है। डा दीपिका ने यह भी कहा कि पोस्टट्रोमेटिक ब्लेफरोस्पाज्म से ग्रसित बहुत कम मरीज ही पूर्ण रूप से स्वस्थ हो पाते हैं। मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने कहा कि मेडिकल कालेज मेरठ के न्यूरोलॉजी विभाग में विभिन्न न्यूरो रोगों के इलाज के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध हैं। आम जनमानस इसका लाभ प्राप्त कर रहा है और भविष्य में भी करता रहे ऐसी मै अपील करता हूं। डा दीपिका सागर एवम उनकी टीम को सफल ईलाज के लिए बधाई देता हूं।