पूर्व सेना प्रमुख ने मोदी-डोभाल पर उठाए सवाल, नई दिल्ली: पुलवामा हमले को लेकर जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के खुलासे के बाद भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख जनरल शंकर रॉयचौधरी ने पीएम मोदी व एनएसए अजीत डोभाल को कठधरे में खड़ा कर दिया. उन्होंने टिप्पणी की कि विफलता का कोई दावेदार नहीं होता। एक अंग्रेजी प्रिंट मीडिया से बात करते हुए शंकराय चौधरी ने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ जवानों की मौत की प्राथमिक जिम्मेदारी प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार पर है, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार द्वारा सलाह दी जाती है. ‘पुलवामा में जानमाल के नुकसान की प्राथमिक जिम्मेदारी प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार पर है, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) द्वारा सलाह दी जाती है. यह एक धक्का था.’ हमले के पीछे खुफिया विफलता के लिए एनएसए अजीत डोभाल को भी ‘उनके हिस्से का दोष मिलना चाहिए.’ 2,500 से अधिक कर्मचारियों को ले जा रहे 78 वाहनों के काफिले को ऐसे राजमार्ग से नहीं जाना चाहिए था, जो पाकिस्तान सीमा के इतने करीब हो. पूर्व सेना प्रमुख शंकर राय चौधरी ने कहा, कि ‘जम्मू और श्रीनगर के बीच अंतरराज्यीय राजमार्ग पर चल रहे सीआरपीएफ के काफिले पर पुलवामा में मुजाहिदीन के एक समूह ने घात लगाकर हमला किया था. अगर सैनिकों ने हवाई यात्रा की होती, तो जानमाल के नुकसान को टाला जा सकता था.’ जिस क्षेत्र में पुलवामा आतंकी हमला हुआ था, वह हमेशा एक बहुत ही ‘जोखिम भरा क्षेत्र’ रहा है. अंग्रेजी प्रिंट मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि ‘जम्मू में सांबा के साथ जाने वाली सड़क घुसपैठ के कारण हमेशा असुरक्षित रहती है, जो टनलों के जरिये होती है.’ 1991 और 1992 के बीच जम्मू कश्मीर में 16 कोर की कमान संभालने वाले जनरल ने कहा, ‘अंतरराज्यीय राजमार्ग पर आप जितना अधिक ट्रैफिक ले जाते हैं, आप उन्हें जोखिम में डालते हैं, क्योंकि सीमा पाकिस्तान से बहुत दूर नहीं है.’ आतंकी हमला खुफिया तंत्र की विफलता का परिणाम था. ‘यह एक गलती है जिससे सरकार अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही है. ‘विफलता का कोई दावेदार नहीं होता है.’ उल्लेखनीय है कि जम्मू के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने दावा किया था कि जब उन्होंने उन विफलताओं के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया, जिनके चलते हमला हुआ था तो मोदी ने उन्हें ‘चुप रहने’ के लिए कहा. उन्होंने बताया था कि एनएसए डोभाल ने भी उन्हें चुप रहने को कहा था.