भाजपा काे सदमा-सपा-रालोद का डेमेज कंट्रोल

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भाजपा काे सदमा-सपा-रालोद का डेमेज कंट्रोल, उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में वेस्ट यूपी में रालोद सपा गठबंधन टूटने के सपने संजो रही भाजपा के लिए बुरी खबर है।  इसके अलावा बिजनौर में भाजपा की कदरवर सिख पंजाबी नेत्री  हरजिंदर कौर ने भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वह बिजनौर से चेयरमैन प्रत्याशी का टिकट मांग रही थीं।
भाजपा नेता नीरज शर्मा ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। संगठन के पूर्व जिला उपाध्यक्ष नीरज शर्मा ने पालिका अध्यक्ष का टिकट न मिलने पर पार्टी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। वहीं दूसरी ओर मेरठ की बात करें तो  मेरठ महापौर समेत कुछ सीटों पर सपा द्वारा प्रत्याशी पहले उतारे जाने के बाद सपा-रालोद गठबंधन टूटने की खबरें सोशल मीडिया पर तैर रही थीं, लेकिन सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बागपत व बड़ौत में स्थानीय निकाय चुनाव में अपने प्रत्याशी न उतारने का एलान कर दिए है। राजनीतिक विश्लेषक चौधरी यशपाल सिंह जो कांग्रेस का जाट चेहरा माने जाते हैं उनका कहना है कि भाजपा क्या सोचती है यह बड़ा प्रश्न नहीं। बड़ा प्रश्न यह है कि सपा और रालाेद के नेताओं ने राजनीतिक परिपक्वता का परिचय देते हुए सही समय पर निर्णय लिया है। इसको विपक्षी एकता के लिए अच्छी खबर और भाजपा के  लिए बेस्ट से बुरी खबर मानी जानी चाहिए। दरअसल  बागपत में  निकाय चुनाव को लेकर रालोद ने अपने प्रत्याशियों को चुनाव सिंबल वितरित कर दिए हैं।  आज यानि मंगलवार को समाजवादी पार्टी केऑफिशियल ट्विटर पेज से एक पोस्ट किया गया है जिसमें लिखा है कि बड़ौत और बागपत में समाजवादी पार्टी स्थानीय नगर निकाय चुनावों में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं लड़ेगी और राष्ट्रीय लोक दल का समर्थन करेगी। वहीं रालोद की बात करें तो आरएलडी ज्यादातर सीटों पर प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह बांट चुकी है। साथ ही कार्यकर्ताओं से चुनाव की तैयारियों में जुटने का आह्वान किया। रालोद ने बागपत नगर पालिका से पूर्व चेयरमैन राजुद्दीन एडवोकेट, खेकड़ा नगर पालिका से रंजीता धामा को अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी घोषित किया है। जिसमें सोमवार को रालोद जिलाध्यक्ष रामपाल धामा ने बागपत नगर पालिका से प्रत्याशी राजुद्दीन एडवोकेट व खेकड़ा से निकाय चुनाव के लिए सिंबल सौंपे। बागपत में निकाय चुनाव की नामांकन प्रक्रिया सोमवार से शुरू हो गई। इसको लेकर तीनों तहसीलों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। पहले दिन एक भी नामांकन पत्र जमा नहीं किया गया। अध्यक्ष पद के लिए 42 नामांकन पत्र और सभासद पद के लिए 256 नामांकन पत्र खरीदे गए।

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