राजनाथ सिंह से मिले सांसद , मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने मंगलवार को भारत सरकार में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से उनके संसद भवन स्थित कार्यालय मुलाकात की तथा मेरठ के रेलवे रोड को बागपत रोड से मिलाये जाने वाले अत्यंत महत्वपूर्ण लिंक मार्ग के निर्माण के लिए जैन नगर स्थित रक्षा संपदा विभाग की भूमि के निरीक्षण/आगणन इत्यादि हेतू लोक निर्माण विभाग को मुख्यालय से अनुमति दिलाने की मांग की। सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने रक्षा मंत्री को अवगत कराया कि मेरठ महानगर में यातायात के बढ़ते दवाब के दृष्टिगत रेलवे रोड़ तथा बागपत रोड़ को जोड़ने वाले मार्ग के निर्माण की स्वीकृति मेरठ विकास प्राधिकरण को मेरठ सर्किल के रक्षा सम्पदा अधिकारी ने 24 नवम्बर 2022 को प्रदान की थी, परन्तु इस मार्ग के लिए दी जाने वाली भूमि के मूल्य के रूप में लगभग 26 करोड़ रूपये की मांग की। वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण मेरठ विकास प्राधिकरण ने यह धनराशि देने में असमर्थता व्यक्त की। इस सम्बन्ध में जब उनके द्वारा उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निवेदन कर रक्षा सम्पदा विभाग द्वारा अपेक्षित धनराशि को उपलब्ध कराने कर अनुरोध किया गया तो मुख्यमंत्री द्वारा मेरे निवेदन को स्वीकार किया तथा इसके अनुपालन के क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार में अनुसचिव राजेश प्रताप सिंह ने लोक निर्माण विभाग को संदर्भित भूमि का प्रारम्भिक आगणन/प्रस्ताव सुसंगत योजनान्तर्गत अधिकतम 03 दिनों में शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गए। लोक निर्माण विभाग के अधिकारी जब निरीक्षण करने गये तो रक्षा सम्पदा विभाग के अधिकारियों ने अपने मुख्यालय की अनुमति के बिना उक्त निरीक्षण करने से रोक दिया गया। स्टेशन कमांडर पश्चिमी यू.पी. सब एरिया द्वारा 07 जुलाई 2023 को उपरोक्त रक्षा भूमि के निरीक्षण की अनुमति प्रदान करने के लिए मुख्यालय को पत्र लिखा गया परन्तु अभी तक भी मुख्यालय द्वारा इसकी अनुमति प्रदान नहीं की गई है। इसके परिणामस्वरूप रेलवे रोड़ तथा बागपत रोड़ को जोड़ने वाले लिंक मार्ग के निर्माण कार्य में विलंब हो रहा है।सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से अनुरोध किया कि मेरठ के रेलवे रोड को बागपत रोड से मिलाये जाने वाले अत्यंत महत्वपूर्ण लिंक मार्ग के निर्माण के लिए जैन नगर स्थित रक्षा संपदा विभाग की भूमि के निरीक्षण/आगणन इत्यादि हेतू लोक निर्माण विभाग को मुख्यालय से अनुमति दिलाएं।