रैपिड रेल OHE चार्ज अगले माह, प्रायोरिटी सेक्शन में विद्युत ओएचई का विद्युतीकरण (चार्ज) अक्तूबर माह से आरंभ होने वाला है। साहिबाबाद आरआरटीएस स्टेशन से लेकर दुहाई डिपो तक ओएचई का विद्युतीकरण किया जाएगा। दुहाई डिपो में ट्रेनों की स्टेटिक और डायनामिक टेस्टिंग के लिए आईबीएल (इंस्पेक्शन बे लाइन) और टेस्ट ट्रैक को पहले ही चार्ज किया जा चुका है। इसके साथ ही सम्पूर्ण प्रायोरिटी सेक्शन से कनेक्ट करने की तैयारी की जा रही है। विद्युत आपूर्ति हेतु उत्तर प्रदेश में यूपीटीसीएल से करार किया गया है। यूपीटीसीएल के सबस्टेशन ग्रिड से 220kV बिजली एनसीआरटीसी के गाज़ियाबाद स्थित विद्युत् सब स्टेशन तक आ रही है और यहां से 25kV की बिजली ट्रेनों के संचालन के लिए और 33kV की बिजली आरआरटीएस स्टेशनों की समस्त जरुरतों के लिए इस्तेमाल की जाएगी। आपूर्ति के लिए गाजियाबाद में आरएसएस बनाया है। 50 मेगावाट की क्षमता के ट्रांसफार्मर्स लगाए गए हैं।आईबीएल लाइनों में विद्युत आपूर्ति इसे एक उच्च जोखिम क्षेत्र बना देती है। एनसीआरटीसी ने डिपो में काम करने वाले और उसके आसपास रहने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सूचना प्रसारित की है कि कोई भी अनाधिकृत व्यक्ति चार्ज्ड ओवरहेड लाइनों के निकट या आस-पास प्रवेश या कोई कार्य नहीं करेगा। साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो स्टेशन हैं। सभी स्टेशन जल्द तैयार होने वाले हैं, स्टेशनों की फिनिशिंग का कार्य प्रारम्भ हो चुका है। मार्च 2023 में ट्रेन चलाने का लक्ष्य है। 82 किमी लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर 25 स्टेशन हैं और एनसीआरटीसी कॉरिडोर पर 2025 तक ट्रेनों का संचालन शुरू करने के लक्ष्य पर कार्य कर रही है। दिल्ली से मेरठ के बीच आरआरटीएस कॉरिडोर पर विद्युत आपूर्ति के लिए दिल्ली के सराय काले खां, ग़ाज़ियाबाद, मुरादनगर और मेरठ के शताब्दीनगर व मोदीपुरम में पाँच आरएसएस स्थापित किये जा रहे हैं। एनसीआरटीसी अपने सभी विद्युत् सब स्टेशन को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग कॉउन्सिल (आईजीबीसी) के मानकों के अनुसार तैयार कर रहा है जिसमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, हरित क्षेत्र, एलईडी बल्ब, प्राकृतिक रौशनी और हवा आने लायक बिल्डिंग आदि शामिल हैं।