ऋषभ-छात्रा को सजा का आरोप बेबुनियाद, मेरठ छावनी वेस्ट एंड रोड स्थित ऋषभ की जिस छात्रा को डेढ़ साल से फीस नहीं जमा किए जाने पर सजा के आरोप लगाकर तूफान उठा रखा था, उसको एक सिरे से स्कूल के दूसरे बच्चों व फीस न जमा कर आरोप लगाने वाली छात्रा के साथ कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों ने भी एक सिरे से खारिज कर दिया। वहीं दूसरी ओर ऋषभ के प्रधानाचार्य मुकेश ने भी तमाम आरोपों को एक सिरे से खारिज करते हुए कहा कि डेढ़ साल से फीस नहीं जमा की गयी। उन्होंने कहा कि यह तो वही मिसाल हो गई की एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी। उन्होंने बताया कि डेढ़ साल से बच्चे बगैर फीस के पढ़ रहे हैं। अब कहीं जाकर कुछ मामूली सी रकम जमा कराई गई है। आरोप लगाने वालों से ही उन्होंने सवाल किया कि क्या बगैर फीस के कोई प्राइवेट स्कूल चल सकता है। उन्होंने कहा कि यदि सरकारी स्कूल में भी फीस न जमा की जाए तो नाम काटकर बाहर कर दिया जाता है। लेकिन ऋषभ ने आरोप लगाने वाली छात्रा के साथ ऐसा कुछ नहीं किया। केवल अन्य बच्चों के साथ उन्हें बुलाकर फीस जमा करने को कहा गया। उन्होंने बताया कि पूरे स्कूल में जगह-जगह लगे सीसीटीवी इस बात को चींख चींख कर कह रहे हैं कि आरोप लगाने वाली छात्रा को सजा नहीं दी गयी है। जो इसको लेकर बतंगड़ बनाए हुए हैं, वो खुद भी इसकी पुष्टि सीसीटीवी कैमरों से कर सकते हैं। प्रधानाचार्य का कहना है कि इंसान झूठ बोल सकते हैं, लेकिन सीसीटीवी कैमरे कभी झूठ नहीं बोलते हैं। उनकी सच्चाई का सबसे बड़ा सबूत ही सीसीटीवी कैमरे हैं। उन्होंने जानकारी दी कि जिला प्रशासन के निर्देश पर जो जांच चल रही है, उसमें ऋषभ प्रशासन पूरा सहयोग कर रहा है। सीसीटीवी की फुटेज भी एसीएम व सीओ सदर को मुहैय्या करा दी गयी है। इस बात को लेकर भी दुख जताया कि बगैर पुष्टि किए ऋषभ को साजिशन बदनाम करने का प्रयास किया गया।