ऋषभ: लड़ाई गौरी व गजनी से, इतिहास गवाह है अकूत संपदा के लालच में मोहम्मद गौरी व मोहम्मद गजनी जैसे आक्रांताओं ने बार-बार लूटपाट की है। संपदा के लालच में वो काम तक किए जो शोभा नहीं देते। ऐसा गंभीर आरोप हम नहीं बल्कि मेरठ छावनी वेस्ट एंड रोड मंदिर 215-ए स्थित ऋषभ एकाडेमी के संस्थापक सदस्य शरद जैन ने लगाया है। बकौल शरद जैन यह समाज की शिक्षण संस्था ऋषभ को बचाने का धर्म युद्ध है। जब-जब धर्म व अधर्म के बीच युद्ध हुआ है, भले ही अधर्म धन-बल के बूते शक्तिशाली नजर आता हो, लेकिन अंतोगात्वा जीत हमेशा ही सत्य व धर्म की हुई है। ऋषभ एकाडेमी जैन समाज की शिक्षण संस्था है। सदर दुर्गाबाड़ी स्थित 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर की श्री पार्श्व जिनेन्द्र शिक्षा परिषद इसका संचालन करती है। मंदिर जब पूरे समाज का है तो ऋषभ भी पूरे समाज का है और ऋषभ को लूटपाट से बचाने व उसको चलाने का नैतिक दायित्व पूरे सदर जैन समाज का है। कानूनी लड़ाई को धर्म युद्ध की संज्ञा देते हुए शरद जैन ने पूरे जैन समाज से जैन मंदिर की शिक्षण संस्था ऋषभ को बचाने व उसको पारदर्शिता से चलाने में सहयोग का आह्वान किया है। ऋषभ एकाडेमी मंदिर की है, इसलिए जैन समाज का दायित्व भी है कि मंदिर की कोई चीज यदि खुर्दबुर्द की जा रही है तो उसको बचाया जाए। जिनसे उनकी लड़ाई है वो ऋषभ की संपदा के बूते पर इस लड़ाई को लंबा खींचने में लगे हैं। शरद जैन का समाज से कहना है कि ऋषभ एकाडेमी को बनाने वाले अपने बुजुर्गों का गरीबों कि शिक्षा को लेकर जो सपना देखा था, क्या अपने बुजुर्गों के उस सपने की हत्या पर क्या यूं ही चुप रहेंगे। जिस प्रकार से मोहम्मद गौरी व मोहम्मद गजनवी जैसे आक्रांता लुटेरों को खदेड़ा था उसी तरह से अब वक्त आ गया है कि जैन मंदिर की शिक्षण संस्था ऋषभ एकाडेमी को लूटने वालों को खदेड़ दिया जाए। उन्होंने इसे धर्म की अधर्म से लड़ाई की संज्ञा दी।