सावधान! हत्यारे को ना सांसद बना देना, मेरठ: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच ने चुनावी मैदान में उतरे उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, 19 अप्रैल को आम चुनाव के पहले चरण के लिए मैदान में दावेदारी पेश कर रहे कुल 252 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें सात उम्मीदवारों पर हत्या और 19 पर हत्या के प्रयास के आरोप शामिल हैं. यह विश्लेषण लोकसभा चुनाव के पहले चरण में चुनाव लड़ रहे 1,625 उम्मीदवारों में से 1,618 पर किया गया है. इन आंकड़ों से पता चलता है कि 161 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर अपराधों के मामले दर्ज होने की घोषणा की है. वहीं 18 नेताओं पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के आरोप हैं, जबकि 35 पर नफरत फैलाने वाले भाषण (हेट स्पीच) से संबंधित मामले हैं. 1,618 उम्मीदवारों में से 15 ने उन मामलों की घोषणा की है, जिनमें उन्हें दोषी ठहराया गया है. राजनीतिक दलों की बात करें, तो राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सभी चार उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है. इस मामले में सबसे कम दागदार उम्मीदवारों वाली पार्टी बसपा है, जिसके 86 उम्मीदवारों में से 11 यानी 13 प्रतिशत पर आपराधिक मामले थे. संपत्ति के स्तर पर देखें, तो पहले चरण में 450 ‘करोड़पति’ (जिनकी कुल संपत्ति 1 करोड़ से अधिक है) उम्मीदवार हैं, जिनमें से अधिकतम 69 भाजपा से हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर कांग्रेस से 49, फिर अन्नाद्रमुक से 35, द्रमुक से 21, बसपा से 18 हैं. तृणमूल और राजद से चार -चार उम्मीदवारों के पास एक करोड़ से अधिक संपत्ति है. अन्नाद्रमुक के उम्मीदवारों के पास सबसे अधिक औसत संपत्ति 35.61 करोड़ रुपये है. इसके बाद द्रमुक के पास 31.22 करोड़ रुपये, कांग्रेस के पास 27.79 करोड़ रुपये और भाजपा के पास 22.37 करोड़ रुपये हैं. मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से कांग्रेस उम्मीदवार नकुल नाथ 716.94 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ सबसे अमीर हैं. इसके बाद तमिलनाडु के इरोड से एआईएडीएमके उम्मीदवार अशोक कुमार के पास 662.46 करोड़ और तीसरे नंबर पर तमिलनाडु के ही शिवगंगा से भाजपा उम्मीदवार देवनाथन यादव टी. के पास 304.92 करोड़ की संपत्ति है.