सावधान जानलेवा है अस्थि भंगुरता

सावधान जानलेवा है अस्थि भंगुरता
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सावधान जानलेवा है अस्थि भंगुरता, परीक्षितगढ़ विश्व ऑस्टियोपोरोसिस यानी ऑस्टियोपोरोसिस दिवस  अस्थि भंगुरता बीमारी एक छुपे हुए चोर की तरह है , जो दबे पांव आती है और पूरे शरीर को खोखला कर देती है । यह हड्डियों से जुड़ी एक ऐसी प्रॉब्लम है , जिसमें हड्डियों में ताकत नहीं होती । हल्की सी चोट या टक्कर लगने पर भी वो टूट जाती है । ये समस्या खासतौर से बुढ़ापे में देखने को मिलती है । कमर की हड्डी , कोशिकाओं के आसपास की हड्डियां और कूल्हे की हड्डी ऑस्टियोपोरोसिस से सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं । हालांकि सावधानी बरती जाए तो इससे काफी हद तक बचा जा सकता है । हिस्से होते हैं। एक प्रोटीन का जैविक हिस्सा और दूसरा मिनरल का अजैविक हिस्सा होता है । लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 20 अक्तूबर को विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस मनाया जाता है। मेरठ की सीनियर डॉ लता का कहना है कि हड्डियों के ढांचे में दो जैविक हिस्सा एक जटिल जाल की तरह होता है। उसके ऊपर मिनरल जमा होते हैं । ये दोनों मिलकर हड्डी की संरचना करते हैं । सीएचसी प्रभारी डॉ संदीप गौतम ने बताया कि बढ़ती उम्र और खराब जीवनशैली की वजह से प्रोटीन का जैविक हिस्सा धीरे – धीरे कमजोर होता जाता है , जिससे उस पर जमे मिनरल की मात्रा कम हो जाती है और हड्डियां कमजोर हो जाती है । इसे ऑस्टियोपोरोसिस कहते हैं। ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों का एक रोग है जिसके कारण वे कमजोर और नाजुक हो जाती है । इस रोग में हड्डियां कमजोर हो जाती है कि मामूली गिरावट , टकर , छीक या अचानक पर भी वे आसानी से टूट इसके अलावा , ऑस्टियोपोरोसिस होने वाला फ्रैक्चर जीवन खतरा हो सकता और दर्द दीर्घकालिक विकलांगता का एक कारण हो सकता है । ऑस्टियोपोरोसिस का इलाज स्वस्थ आहार , व्यायाम और जीवनशैली को बेहतर तरीके से बदलकर किया जा सकता है ।हड्डियों को स्वस्थ रखने वाले पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन ।

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