शहर का चर्चित भू-माफिया की अवैध कालोनी में नहीं काम पर विराम

शहर का चर्चित भू-माफिया की अवैध कालोनी में नहीं काम पर विराम
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शहर का चर्चित भू-माफिया की अवैध कालोनी में नहीं काम पर विराम,  ऊंचे राजनीतिक रसूख रखने का दम भरने वाले शहर के एक चर्चित भू-माफिया की मेरठ विकास प्राधिकरण के जाेन-ए-3 बाईपास से सटे खिर्वा रोड पर लगातार काम जारी है। जो हालात नजर आ रहे हैं उससे देखकर यही कहा जा सकता है कि इस चर्चित भूमाफिया को सीएम योगी बाबा के बुलडोजर का कोई खौफ नहीं रह गया है। इन दिनों पूरे यूपी में अवैध कालोनियों के काले धंधे में लगे भूमाफियाओं पर बाबा का बुलडोजर जबरदस्त तरीके से गरज रहा है। यूपी भर के भूमाफियाओं का हश्र देखने के बाद भी कंकरखेड़ा इलाके से शुरूआत करने वाले इस भूमाफिया की जोन-ए-3 में काटी गयी अमोलक एन्कलेव पार्ट-वन में लगातार काम जारी है। जो हालात नजर आ रहे हैँ उसको देखकर तो यह सवाल जरूर पूछा जाएगा कि शहर के चर्चित भूमाफिया की अवैध कालोनी अमोलक एन्कलेव और अवैध कालोनियों को ना पनपने देने के मेरठ विकास प्राधिकरण के दावे और हकीकत में इतना अंतर क्यों।

एक नहीं दो-दो अवैध कालोनी:

मेरठ विकास प्राधिकरण के जोन-ए-3 में इस भूमाफिया ने अमोलक एन्कलेव के नाम से एक नहीं बल्कि दो-दो अवैध कालोनी काट दी हैं। दोनों में इन दिनों बड़े स्तर पर अवैध निर्माण जारी है। साइट देखकर पता चलता है कि इस अवैध कालोनी में केवल प्लाटिंग ही नहीं की जा रही है, बल्कि बड़े स्तर पर अवैध निर्माण भी किया जा रहा है। अवैध कालोनी में काम करा रहे भूमाफिया को देखकर कतई भी नहीं लगता कि इसको ध्वस्तीकरण का कोई खौफ है। अमोलक एन्कलेव के नाम की अवैध कालोनी किसी हाईप्रोफाइल अधिकृत कालोनी के नाम पर काटी जा रही है। वैसा ही वहां पर तामझम नजर आता है।

जन सुविधाओं से नहीं सरोकार:

जोन-ए-3 में काटी जा रही अलोलक एन्कलेव में जो भी इन्वेस्ट करेगा वो केवल ऊपरी चकाचौंध देखकर करेगा या फिर वो जिन्हें भूमाफिया और उसके कारिंदे फंसा लेंगे। जहां तक जनसुविधाओं की बात है तो अवैध अमोलक एन्कलेव में शहर की बाकि अवैध कालोनियों की तर्ज पर किसी प्रकार की जन सुविधा यहां जीवन भर की कमाई को इन्वेस्ट करने वालों को नहीं मिलने जा रही है। मसलन एक कालोनी में भले ही वो अवैध ही क्यों न हो, सीवरेज सिस्टम, ड्रेनेज सिस्टम और वाटर सप्लाई पहली प्राथमिकता होती है। लेकिन जानकारों की माने तो अमोलक एन्कलेव काटने वाले भूमाफिया को ये तमाम जन सुविधाएं मुहैय्या कराने से कोई सरोकार नहीं नजर आ रहा है।

वैध कालोनी में मार्केट भी:

जोन-ए-3 में काटी जा रही अवैध कालोनी अमोलक एन्कलेव में भूमाफिया मार्केट भी बनावा रहा है। साइट का मुआयना करने से प्रतीत होता है कि इस अवैध कालोनी में मार्केट को लेकर जा तैयारियां चल रही है उन्हें देखकर आसानी से समझा जा सकता है कि यहां ग्राउंड फ्लोर के ऊपर भी दुकानें बनवायी जा रही हैं। साइट पर बड़े-बड़े कालम तैयार किए जा रहे हैं। इससे साफ है कि भूमाफिया अलोलक के नाम पर वारे के न्यारे करने के मूड में है।माना जा रहा है कि यह अवैध कालोनी मेरठ की बड़ी अवैध कालोनियों में शुमार होगी। इसका रकबा इतना बड़ा है कि कालोनी तैयार होने के बाद इसको देखने में भी बहुत ज्यादा वक्त लगेगा।

अवैध कालोनियों को लेकर दावे और वादे:

मेरठ विकास प्राधिकरण में बतौर उपाध्यक्ष पारी की शुरूआत करने वाले आईएएस अभिषेक पांडेय ने दावा किया था कि मेरठ में अवैध कालोनियों कोनहीं पनपने दिया जाएगा। इतना ही नहीं जो अवैध कालोनियां काट दी गयी है उनको बुलडोज भी किया जाएगा। ऐसा नहीं है कि अभिषेक पांडेय के चार्ज के बाद मेरठ में अवैध कालोनियों के खिलाफ जेसीबी मशीने गरजी नहीं है, लेकिन यहां सवाल ऊंचे राजनीतिक रसूख रखने वाले भूमाफिया की जोन-ए-3 में काटी जा रही अवैध कालोनी पर कार्रवाई का प्रश्न है। इतने बड़े स्तर पर इस अवैध कालोनी में काल चल रहा है। प्राधिकरण का फिल्ड स्टाफ इससे बेखबर हो यह बात किसी के भी लगे नहीं उतरेगी। फिर ऐसा क्या कारण है कि अमाेलक एन्क्लेव को बुलडोज नहीं किया जा रहा है। या फिर यह मान लिया जाए कि ऊंचे राजनीतिक रसूख रखने वाले इस भूमाफिया के आगे प्राधिकरण प्रशासन नत मस्तक है।

भूमाफिया एक रूप अनेक:

जोन-ए-3 में अमोलक एन्कलेव पार्ट वन व पार्ट टू के नाम से अवैध कालोनी काट रहे कंकरखेड़ा से राजनीति की शुरूआत करने वाले इस भूमाफिया को लेरक तमाम तरह के किस्से फिजा में तैर रहे हैं। जानकारों की मानें तो इस भूमाफिया को शुरू से ही पॉलटिक्स का चस्का लगा था। हालांकि कुछ करीबियों की मानें तो भूमाफिया को पॉलटिक्स का चस्का लगाना महज इत्तेफाक नहीं बल्कि राजनीतिक रसुकात व नेताओं से करीबी रिश्ते रखना उसकी कारोबारी मजबूरी है। कहा जाता है कि इस प्रकार के आवरण आमतौर पर  पर भूमाफिया सरीखे  या ऐसे ही अन्य शातिर केवल अपने काले धंधों को कानूनी शिकंजों से बचाने के लिए ओढ लेते हैं। इस भूमाफिया ने भी ऐसा ही किया। जानकारों की माने तो यह भूमाफिया कितना शातिर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसने अपने एक करीबी पार्टनर को जेल भिजवा दिया।

शोरूम की आड़ में कुछ और:

अमोलक एन्कलेव काटने वाले भूमाफिया को करीब से जानने वालों का कहना है कि कंकरखेड़ा में इसका फर्नीचर शोरूम तो महज आड़ भर है। इसका असली काम तो अवैध कालोनियों के काले धंधे की मदद से करोड़ों करोड़ की कमाई करना है। बताया जाता है कि रियल एस्टेट का काम इस भूमाफिया को रास भी बहुत आ रहा है। अवैध कालोनियों के अलावा इस भूमाफिया ने मेरठ छावनी के लाल कुर्ती शिवाजी चौक के निकट अवैध रूप से बनाए गए एसजीएम गार्डन को भी हायर किया है या फिर कुछ का यह भी कहना है कि उसका मालिकाना हक इसने हासिल कर लिया है। ऐसे ही कई अन्य काले धंधे हैं जिन पर  पर्दादारी के लिए ही कंकरखड़ा में भूमाफिया ने फर्जीचर शोरूम बना दिया है। करीबी यह भी बतात हैं कि  यह भूमाफिया अवैध कालोनी काटने सरीखे अपने काले धंधों पर पर्दा डालने व उन्हें प्रशासन की कार्रवाई से महफूज रखने के लिए अक्सर बड़े-बड़े इवेंट भी मैनेज करता है। उसमें माननीयों को न्यौता दिया जाता है। ऐसे कार्यक्रमों में माननीयों के साथ यह भूमाफिया मंच साझा करता है। ऐसे में इसके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की बात सोचना जल्दबाजी के अलावा कुछ नहीं।

हले भी हो चुकी है कार्रवाई:

जोन-ए-3 में अलोलक एन्कलेव के खिलाफ पहले भी कार्रवाई प्राधिकरण कर चुका है। जिन कालोनियों पर कार्रवाई की जानी है उनमें अमोलक एन्कलेव भी शामिल है। शीघ्र ही इसे बुलडोज कर दिया जाएगा।

(जितेन्द्र शर्मा की स्टोरी)

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