शरद का चुनाव पर सवाल, मेरठ सदर स्थित श्रीपार्श्व नाथ दिगंबर जैन मंदिर की शिक्षण संस्था वेस्ट एंड राेड स्थित ऋषभ एकाडेमी की चुनावी प्रक्रिया विशेषकर मतदाताओं की जो सूची प्रकाशित की गयी है, उस पर गंभीर आपत्तियां दर्ज करते हुए मामले की मंडलायुक्त की कोर्ट में अपील की जानकारी देते हुए डिप्टी रजिस्ट्रार चिट फंड की भी जांच कराए जाने की मांग शासन से की है। ऋषभ एकाडेमी के संस्थापक सदस्य ने इसको लेकर एक पत्र भी सीएम योगी को भेजा है। उन्होंने बताया कि सदस्यता सूची में कुछ नाम ऐसे शामिल हैं जिनको लेकर गंभीर त्रुटि है। इसी क्रम में अनुज जैन पुत्र राजेन्द्र कुमार जैन (मैसर्स जोधामल कैलाश चंद जैन सर्राफ ) जब सदस्य बने तब वह मात्र 18 वर्ष के थे, नियमानुसार सदस्य की आयु 21 वर्ष होनी अनिवार्य है। शरद जैन ने इसका साक्ष्य अनुज जैन के आधार कार्ड को बनाया है। इसके अलावा सदस्य बनते समय ऋषभ जैन की आयु भी मात्र 19 वर्ष की थी। पूर्व में प्रकाशित संस्था की पत्रावली में राजेन्द्र जैन दिनांक 6 दिसंबर 1990 सदस्य बने। रसीद संख्या 04 अंकन 51 हजार रुपए दर्शायी गयी है, परंतु राजेन्द्र जैन द्वारा वर्तमान में स्वप्रमाणित घोषणा पत्र के साथ जो रसीद जमा की गयी है वह मात्र 21 हजार की है। 51 हजार के 21 हजार कैसे हो गए। 31 हजार कहां गए, इस पर भी शरद जैन ने गंभीर सवाल उठाए हैं। इसके अतिरिक्त रसीद जारी कर्ता जाधो राय जैन है। जबकि जाधो राय जैन स्वयं सदस्या के सदस्य वर्ष 7 सितंबर 1991 मेंं बने हैं। तो क्या यह मान लिया जाए कि उन्होंने खुद के सदस्य बनने से पहले ही राजेन्द्र जैन को सदस्य बनाने का अधिकार हासिल कर लिया था। संस्थापक सदस्य शरद जैन का कहना है कि यह पूरा प्रकरण गंभीर व घालमेल का है जिसकी जांच की मांग उन्होंने मंगलायुक्त से की है। इसके अलावा राजेन्द्र जैन द्वारा जो रसीद जमा करायी गयी है, वह पंजीकृत संस्था की है, जबकि हकीकत यह है कि संस्था 5 फरवरी 1992 में पंजीकृत हुई है तो यह मान लिया जाए कि संस्था के अस्तित्व में आने से पहले ही उन्होंने संस्था की सदस्यता हासिल कर ली। इसी प्रकार एक अन्य सदस्य अरूण कुमार जैन द्वारा जो सदस्यता की रसीद जमा की गयी है वह भी पूर्व में प्रकाशित संस्था की पत्रावली से एकदम भिन्न है। पूर्व में जो रसीद दर्शायी गयी है वह रसीद संख्या 63 दिनांक 19-8-1992 अंकन 21 हजार की दर्शायी गयी है जबकि अरूण कुमार जैन द्वारा स्वप्रमाणित घोषणा पत्र के साथ जो रसीदें जमा की गयी हैं वह रसीद संख्या 124 अंकन 11 हजार एवं रसीद संख्या 148 अंकन 11 हजार जमा की गयी है। जो कि एकदम अलग है। 2007 में संस्था के अध्यक्ष द्वारा एक पत्र डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय को प्रेषित किया गया था जिसमें तत्कालीन अध्यक्ष द्वारा लिखा गया है कि संस्था में कुल 82 सदस्य हैं एवं उपरोक्त संस्था में वर्ष 2000 के उपरांत कोई नया सदस्य भी नहीं बना है, परंतु वर्ष 2009 में तत्कालीन पदाधिकारियों द्वारा सदस्यों की जो सूची दाखिल की गयी है उसमें 84 सदस्यों का होना दर्शाया गया है। सूची में अंतिम दो सदस्य क्रमांक 83 राजेश जो राजेन्द्र जैन मैसर्स जोधा मल कैलाश चंद जैन सराफ के दामाद भी हैं एवं क्रमांक संख्या चारूल जैन ये दोनों ही संदेहास्पद है। शरद जैन का कहना है कि डिप्टी रजिस्ट्रार चिट फंड को इन त्रुटियों से अवगत करा दिया गया था। इसके बावाजूद कुछ व्यक्तियों द्वारा जिनके खिलाफ पूर्व में वर्ष 2013 में भी मुकदमा संख्या 342 अतर्गत धारा 406, 420, 467, 468, 471, 504, 120बी के अंतर्गत संस्था के ही एक व्यक्ति द्वारा कराया गया था एवं समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा बाद में आपसी समझौता करा दिया गया था। शरद जैन का आरोप है कि चुनाव संबंधित आदेश में हाईकोर्ट इलाहाबाद एवं मंडलायुक्त के पूर्व के आदेशों की अवमानना की गयी है अब कानूनी कार्रवाई करेंगे। वहीं दूसरी ओर शरद जैन की आपत्तियों पर जब डिप्टी रजिस्ट्रार से संपर्क किया गया तो काल रिसीव नहीं की गयी।