जेल में भाई को देखकर सुबक पड़ी बहनें

जेल में भाई को देखकर सुबक पड़ी बहनें
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जेल में भाई को देखकर सुबक पड़ी बहनें,
हाई सिक्योरिटी में कारागार मे मनाया गया रक्षा बंधन का पर्व

मेरठ- रक्षा बंधन के मौके पर भाई को जेल में देख कर कई बहनें सुबकने लगीं। वहां का मंजर एकाएक गमगीन हो गया, हालांकि अगले ही पल भाईयों ने बहन को संभाला और जल्द ही घर लौटने का वादा कर राखी के लिए कलाई आगे कर दी। भाई की कलाई पर राखी बांधते हुए बहनें बता रही थी कि उनके बगैर घर परिवार की हालत कैसी हो गई है। चौधरी चरणसिंह जिला कारागार में रक्षाबंधन का पर्व धूमधाम से मनाया गया। सुबह 7 बजे से जेल में बहनों का आना शुरू हो गया था। कारागार प्रशासन ने शाम 5 बजे तक बहनें जेल में बंद भाई को राखी बांधने आने की अनुमति दी थी। वहीं जेल में 40 महिला बंदियों के भाई उनसे मिलने नहीं आ पाए उनसे वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा व जेल स्टाफ ने राखी बंधवाई। जेल में रक्षाबंधन मना रहे भाई, बहन जब एक दूसरे से मिले तो बरबस आंखें भर आईं। बहनों ने अपने भाइयों से जुर्म की दुनिया छोड़ने का उपहार मांगा। गीली आंखें, कलाई पर राखी बांधती बहन ने यही कहा कि अब अपराध छोड़ दे यही वादा लिया।

सारा इंतजाम कारागार प्रशासन की ओर से

वरिष्ठ अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने बताया कि शासन के नियमानुसार जेल में रक्षाबंधन पर्व मनाया जा रहा है। सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक बहन, भाई आकर राखी बंधवा सकते हैं। बहनों के बैठने के लिए टेंट, कुर्सी की व्यवस्था की गई है। उन्हें पानी, बिस्किट और चाय उपलब्ध कराया जा रहा है। जो बहनें राखी, रोली, चावल नहीं ला पाईं उन्हें जरूरत है तो जेल प्रशासन की ओर से बहनों को राखी, रोली, चावल दिए गए।
खाने में सब्जी पूरी के पकवान
जहां त्यौहार के अवसर पर जेल में बंदियों के लिए आज पक्का खाना पूड़ी, सब्जी और मिष्ठान लंच में दिया जाएगा। जेल में महिला बंदियों ने रोजगार मिशन के तहत 800 से ज्यादा राखियां अपने हाथों से तैयार की हैं। इन राखियों का स्टॉल भी लगाया गया है। बाहर से आई बहनें ये राखियां भी ले सकती हैं। जेल प्रशासन द्वारा खुद अपनी ओर से जेल में ही मिठाई तैयार कराई। बहनें जो मिठाई बाहर से ला रही हैं उसको जेल में अंदर ले जाने की अनुमति नहीं दी गई। वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने बताया कि स्वास्थ्य सुरक्षा और जेल सिक्योरिटी दोनों के लिहाज से इस बार बाहरी मिठाई की अनुमति नहीं है। जेल प्रशासन की ओर से मिठाई की व्यवस्था की गई है। बाहर एक स्टॉल लगाया गया है। उससे बहनें मिठाई लेकर पर्व मना सकती हैं। दूर-दूर के दूसरे जिलों से भी आज भाई, बहन जेल में बंदियों से मिलकर राखी बंधवाने आ रहे हैं। अगर कोई बहन डाक से अपने भाई के लिए राखी भेजती है तो उस राखी को उस बंदी तक पहुंचाया जाएगा। जेल प्रशासन ने रक्षाबंधन मनाने के लिए हाई सिक्योरिटी लगाई

है।
इस बार राखी बांधने के लिए जेल में 4 शिफ्ट तय की थी। पहली दो शिफ्ट में बंदियों को राखी बांधने आ रही बहनों की मुलाकात होगी। तीसरी शिफ्ट में जेल में बंद बहन से राखी बंधवाने आए भाईयों की मुलाकात कराई कई। शाम को ऐसे भाई, बहन जो दोनों ही जेल में बंद है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने बताया कि दहेज उत्पीड़न सहित कई मामलों में पूरा परिवार या भाई, बहन दोनों जेल में हैं उनकी मुलाकात कर रक्षाबंधन मनवाया गया।

चालिस बहनों के भाई बने वीरेश राज
मेरठ। जिला कारागार में चालिस ऐसी बंदी महिलाएं मौजूद हैं, जिनके या तो भाई नहीं हैं या जिनके भाई किन्हीं कारणों से राखी बांधने के लिए नहीं आ सके। ऐसी बहनों के लिए वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीरेश राज समेत जिला कारागार के स्टाफ के दूसरे अफसर व कर्मचारी भाई बने। वीरेश राज ने जब राखी बंधवाने के लिए इन बहनों के आगे अपनी कलाई की तो उनकी आंखें भर आयीं। यह पल जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा को भी भावुक करने वाला था।

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