सोफीपुर में आबादी के बीच खत्ता, इसे मेरठ नगर निगम प्रशासन की कारगुजारी कहा जाएगा कि वार्ड सात सोफीपुर में आबादी के बीच डलावघर यानी खत्ता बना दिया गया है। जिसकी वजह से केवल सोफीपुर ही नहीं बल्कि इससे सटे आसपास के इलाकों में भयंकर महामारी फैलने का खतरा बन गया है। इस इलाके में शायद ही कोई घर ऐसा बचा हो जहां परिवार में कोई न कोई बुखार या उल्टी दस्त से पीड़ित न हो। लोगों ने इसकी शिकायत वार्ड के निगम पार्षद व भाजपा नेता महेन्द्र भारती से की है।
इसको लेकर महेन्द्र भारती मंगलवार को क्षेत्र के अनेक लोगों के साथ नगर निगम पहुंचे और नगरायुक्त को सोफीपुर इलाके के हालात की जानकारी देते हुए आसपास के बड़े इलाके का जो कूडा करकट व गंंदगी वहां डाली जा रही है, उसको बंद कराए जाने का आग्रह किया। नगरायुक्त को बताया गया कि जिस स्थान पर गंदगी डाली जा रही है, वहां साप्ताहिक पैठ लगती है। बगल में ही शमशान घाट व धर्म स्थल है। यहां कचरा डालने के कारण दिन भर गंदगी रहती है। आवार पशु इस गंदगी को फैलाते रहते हैं। सबसे ज्यादा बुरा हाल यहां गोवंश का है। यहां डाले जाने वाले कचरे में पन्नी आदि होती हैं जो अक्सर गोवंश खा जाते हैं। अनेक गोवंश यहां गंदगी में फैंकी जाने वाली प्लास्टिक की पन्नी आदि खाकर बीमार भी हो गए हैं। कुछ मरणासन अवस्था में हैं। पार्षद महेन्द्र भारती ने नगरायुक्त से दो टूक कहा कि हर हाल में वहां कूडा कचरा डाला जाना रोका जाना चाहिए। अन्यथा क्षेत्रवासी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने बताया कि कचरे के कारण दिन भर सड़ांध उठती रहती है। हाल यह है कि लोगों का अपने घरों में रहना मुश्किल हो गया है। अनेक लोग तो यहां से अब पलायन की बात कहने लगे हैं। महेन्द्र भारती का कहना है कि इस प्रकार की नाैबत न आए कि लोग पलायन कर जाएं। बेहतर है कि निगम के स्वास्थ्य कर्मी यहां कचरा आदि न डालें। स्वास्थ्य का मसला है।