STF: सेना का फर्जी कर्नल दबोचा

सजा व जुर्माना एक साथ
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STF: सेना का फर्जी कर्नल दबोचा, सेना में में नौकरी दिलाने के नाम पर दर्जनों लोगों से करीब 45 लाख की ठगी कर चुके सेना फर्जी कर्नल को मेरठ एसटीएफ यूनिट ने गिरफ्तार किया है। उसके खिलाफ सिविल लाइन थाना में मामला दर्ज कराया गया है। आरोपी खुद को सेना भर्ती बोर्ड का कर्नल बताकर लोगों से पैसे ठगता था। उसके पास से आई कार्ड के साथ ही दो कैंटीन कार्ड भी बरामद हुए हैं।2003 में सेना से रिटायर होने के बाद ठगी का काम करने लगा। वह सेना में नायक के पद पर था। आरोपी लोगों को झांसा देने के लिए फौजी की वर्दी पहनता व अपने साथ कुछ लड़कों को रखता। ये लड़के भी आर्मी यूनिफॉर्म में फर्जी कर्नल के साथ ही रहते। इस तरह सामने वाले पर अपना प्रभाव जमाकर पैसे ऐंठता था। अब तक 45 लाख रुपयों से ज्यादा की रकम ठग चुका है।
ऐसे धरा गया
ठगी के शिकार कई युवाओं ने पुलिस से इसकी शिकायत की थी। पुलिस ने यह जानकारी एसटीएफ के साथ शेयर की। इसके बाद एसटीएफ की टीम ने मुखबिर की सूचना के बाद अरेस्ट किया है। पुलिस फर्जी कर्नल से पूछताछ कर रही है। उसने बताया कि 1985 में इंडियन आर्मी में भर्ती हुआ था। सेना से रिटायर होने का आई कार्ड और दो कैंटीन कार्ड बरामद किया गया है।
आरोपी के पास एक सेना से रिटायर होने का आई कार्ड और दो कैंटीन कार्ड बरामद किया गया है। एसटीएफ के एसएसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया, फर्जी कर्नल बनकर भर्ती का झांसा देने वाला सत्यपाल 1985 में इंडियन आर्मी में भर्ती हुआ था। 2003 में नायक एम्टी ड्राइवर की पोस्ट से रिटायर हुआ था। सत्यपाल खुद 10वीं फेल है। इसकी पोस्टिंग मेरठ ,लखनऊ सेंटर, सिक्किम, अमृतसर, श्रीनगर जे एंड के में रही है। रिटायरमेंट के 3 साल बाद सत्यपाल को पैरालिसिस हो गया था। पैसा कमाने के लिए उसने यह तरीका निकाला। सत्यपाल सिंह मेरठ के कसेरु बक्सर थाना गंगानगर का रहने वाला है। यही से उसे दबोचा।
भर्ती सिंडिकेट में बेटा भी शामिल
सत्यपाल अपने बेटे के साथ मिलकर पूरा सिंडिकेट चला रहा था। पूछतान में पता चला कि सत्यपाल ने सुनील यादव, उसकी बहन पूनम कुमारी को फौज में एलडीसी क्लर्क के पद पर भर्ती करने का लालच दिया था। इस भर्ती के लिए सत्यपाल ने सुनील से 16 लाख रुपए 2 साल पहले लिए थे। ये रकम लेकर सत्यपाल ने सुनील उसकी बहन पूनम दोनों के नाम ज्वाइनिंग लेटर मई में दिया था। ज्वाइनिंग लेटर सुनील के घर इस्माइलपुर, बुलंदशहर में स्पीड पोस्ट से भेजा था। लेटर मिलने के बाद पूनम और सुनील 7 मई को ज्वाइनिंग लेटर के अनुसार, लखनऊ रिक्रूटमेंट आॅफिस हेड क्वार्टर 236 एमजी रोड लखनऊ कैंट 2 में जॉइनिंग करने पहुंचे, तो सारा खेल सामने आया। लखनऊ में पता चला कि यह जॉइनिंग लेटर फर्जी है।
2019 में हो चुका है मुकदमा
सत्यपाल खुद को भारतीय सेना के भर्ती केंद्र का कर्नल बताकर लड़कों को झांसे में लेता। आगे का काम इसका लड़का रजत करता। सत्यपाल पर 2019 में मेरठ में धारा 420,406, 506 मुकदमा भी हो चुका है। सत्यपाल का बेटा रजत, उर्फ देवेंद्र अपने लैपटॉप पर टाइप करके प्रिंट निकलता। यही फर्जी लेटर वो अलग-अलग जगहों से स्पीड पोस्ट करता था। उसके कब्जे से कर्नल की फर्जी वर्दी, आईडी कार्ड, 5 ज्वाइनिंग लेटर सेना एलडीसी, 5 स्टांप, प्रिंटर, भारतीय फौज कर्नल की यूनिफॉर्म, फर्जी आईडी कार्ड मिले हैं।

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