सुनो बिनती हमारी भी सरकार, मेरठ में कर्मचारी-शिक्षक संयुक्त मोर्चा ने सर्किट हाउस से लेकर कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च किया। इसके बाद कर्मचारी कलेक्ट्रेट स्थित धरना स्थल पर बैठ गए। उन्होंने एक दिवसीय धरना देते हुए प्रशासनिक अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। उनका कहना है कि पेंशन एक मात्र सेवानिवृत होने के बाद कर्मचारी का सहारा होती है। इससे ही कर्मचारी अपने परिवार का पालन पोषण करता है। लेकिन सरकार कर्मचारियों के हित में नहीं सोच रही है। संस्था के पदाधिकारी संजय राणा ने बताया कि इंडियन पब्लिक सर्विसेज एंप्लॉय फेडरेशन के बैनर तले गुरुवार को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। उनका कहना है कि राज्य सरकार पुरानी पेंशन को बहाल करे। सातवें वेतन आयोग के संस्तुतियों के बाद विसंगतियों दूर करते हुए वेतन समिति की रिपोर्ट को प्रकाशित कर उसे पूर्ण लाभ प्रदेश के राज्य कर्मचारी, स्थानीय निकाय, सार्वजनिक निगम, परिवहन विभाग समान रूप से लागू किया जाए। प्रदेश सरकार द्वारा महंगाई भत्ते का एरियर भी अनुमन्य किया जाए। आउटसोर्सिंग और संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों की सेवा संबंधी सुरक्षा, भविष्य में स्थायीकरण, समान कार्य समान वेतन समेत 12 मांगों का ज्ञापन पत्र प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपा। कर्मचारियों को कहना है कि यदि सरकार ने उनके हित में कदम नहीं उठाया तो इसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा।