टेंट कारोबारियों का वित्त मंत्री को ज्ञापन, विभन्न मांगों को लेकर टेंट कारोबारियों ने गुरूवार को मेरठ आए केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी को ज्ञापन दिया। वित्त राज्यमंत्री सीसीएसयू के बृहस्पति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में आए थे। आल इंडिया टेंट डीलर वेलफेयर आर्गेनाईजेशन की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष विपुल सिंह के नेृत्व में सीनियर वाईस चेयरमैन नवीन अग्रवाल , मेरठ टेंट एसोसिएशन के महामंत्री सुशील गर्ग, कोषाध्यक्ष अपार मेहरा, पवन अरोरा, नमन अग्रवाल, नवीन अरोड़ा, अंशुल सिंघल आदि ने ज्ञापन दिया। ज्ञापन में वस्तु एवं सेवा कर मे किराये पर मण्डप, टेंट, फर्नीचर, इत्यादि की सेवाओं पर कर 18% से 5% किये जाने, चुनाव प्रक्रिया में टेंट लाइट सबंधित सेवाओं को जी.एस.टी एवं ई. वे. बिल से मुक्त किये जाने की मांग की गयी है। ज्ञापन में कहा गया है कि . वैवाहिक कार्यक्रम के लिए किराये पर मण्डप / टेंट से जुड़े ज्यादातर काम गरीब / मध्यम वर्ग के लोगो द्वारा क्रियान्वन कराये जाते हैं। व्यवसाय पर रेस्टोरेंट, कैटरिंग व्यवसाय की भांति 5 प्रतिशत का कर वसूल करेंगे तो वस्तु एवं सेवा कर मे पंजीकरण का दायरा भी बढ़ेगा और प्रदेश व भारत सरकार की आय भी बढ़ेगी। मण्डप, टेंट एवं सम्बंधित व्यवसायीयों पर 18% से घटा कर 5% वस्तु एवं सेवा कर किया जाए। लोकसभा, विधानसभा एवं सामान्य निर्वाचन हेतु जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा टेंट लाइट एवं सम्बन्धित सेवाओं के लिए जेम पोर्टल द्वारा टेंट व्यवसायी को कार्य आदेश दिया जाता है। जीएसटी नियमों के तहत कार्य पूर्ण करने के एक माह की सीमा में बिल बनाना तथा उसके उपरांत एक महीने में जीएसटी जमा किया जाना अनिवार्य होता है। बिल बनाने में 6 महीने तक का समय लग जाता है और उसके उपरांत उस बिल के भुगतान की कोई समय सीमा नहीं होती। सरकारी कोष में कमी व अन्व वजह से भुगतान होने में कई साल बीत जाते हैं। इतने भारी बिल का जीएसटी जमा करना संभव नहीं होता, वह भुगतान के पश्चात ही जीएसटी जमा कर पाता है। सरकारी कार्य के ट्रेनिंग प्रोग्राम पर जी.एस.टी. दर शून्य है। चुनाव से सम्बन्धित सेवाओं को जी.एस.टी. तथा ई. वे. बिल से मुक्त किया जाये।