इसलिए हे पार्थ सावधानी हटी दुर्घटना घटी, आज रात में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडु साहब जब सोएंगे तो उन्हें एक बात ज़रूर याद आएगी कि अगर कहीं उन्होंने मोदी को अपनी-अपनी पार्टी का समर्थन दे दिया तो साल भर के अंदर उन्हें वह दिन देखना पड़ेगा,जब एक दिन सुबह वह उठेंगे तो उनके सारे सांसद भाजपा में शामिल हो चुके होंगे और वो अकेले खड़े होंगे।
शरद पवार और उद्धव ठाकरे यह दर्द झेल चुके हैं।
कई वर्ष तक पर्दे के पीछे से बार बार भाजपा की मदद करने वाले नवीन पटनायक आज अपने राज्य से बेदख़ल हो चुके हैं।
न जाने किस अज्ञात दबाव में भाजपा से डरने वाली मायावती जी भारत की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी से शून्य पर पहुँच चुकी है।
कभी पंजाब में दबदबा रखने वाले भाजपा के लंबे समय से गठबंधन सहयोगी रहे शिरोमणि अकाली दल आज एक सीट पर सिमट गए हैं।
भाजपा की सोहबत में रह कर कभी तमिलनाडु की बहुत बड़ी शक्ति होने वाली जयललिता की पार्टी आज मृतप्राय हो चुकी है।
हरियाणा में कुछ साल पहले नई शक्ति के तौर पर उभरी जजपा एक ही बार भाजपा के मोहपाश में फँसी और राजनीतिक रसातल में पहुँच गई।
इसलिए हे पार्थ, सावधानी हटी, दुर्घटना घटी-यह बात दलित चिंतक व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता डीडी गौतम में कहीं तो लॉजिक की है, लेकिन इससे रूबरू होने का मौका मिलने में थोड़ा वक्त लग सकता है। लेकिन ऐसा होना तय है यह भी मान लेना चाहिए।