एसटीएफ लगी है: पीछे-गुरू घंटालों पर एफआईआर-जेल-रिकबरी भी

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एसटीएफ लगी है: पीछे-गुरू घंटालों पर एफआईआर-जेल-रिकबरी भी,

-बेसिक शिक्षा विभाग में बड़े पैमानी पर शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी अब तक 61 बर्खास्त

-महानिदेशक शिक्षा ने बीएसए के भेजे पत्र में चौदह बिंदुओं पर जांच कर मांगी है रिपोर्ट

मेरठ। शिक्षा जैसे पवित्र पेशे में   बीते दस सालो में शिक्षा में भर्ती के नाम पर जमकर फर्जीवाड़ा हुआ है। शिक्षा विभाग में फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे नौकरी पानी वाले गुरू घंटालों की पड़ताल की जिम्मेदारी शासन ने एसटीएफ को सौंदी है। इस बीच महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण ने बीते 21 सितंबर को प्रदेश भर के बेसिक शिक्षा अधिकारी जिसमें बीएसए मेरठ भी शामिल हैं, एक पत्र में पारूप भेजकर अनियमित/फर्जी शिक्षकों का ब्योरा तलब किया है। साथ ही जिला प्रशासन को एडीएम सिटी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनकर जांच के निर्देश दिए हैं। दरअसल हुआ यह कि उत्तरप्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है।

एसटीएफ की जांच से मची है खलबली

एसटीएफ की जांच में अब तक  सात शिक्षकों के कागजात संदिग्ध पाए जाने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग अपने स्तर से इसकी जांच करा रहा है। जांच पूरी होने के बाद उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई होगी।उधर लगातार फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध हो रही कार्रवाई से विभाग में खलबली मच गई है। जिले में बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है। यहां फर्जी कागजात लगा कर अपनी नियुक्ति कराकर बहुत से शिक्षक नौकरी कर रहे हैं। इसकी जांच एसटीएफ व बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से भी हो रही है।

अब मुकदमा व रिकबरी

उत्तर प्रदेश परिषीय शिक्षा विभाग के इतर नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़े की जांच एसटीएफ की ओर से भी की जा रही है। सभी आरोपी शिक्षकों को बेसिक शिक्षा विभाग पूर्व में बर्खास्त कर चुका है मगर मुकदमा दर्ज नहीं कराया जा सका था। अब यह प्रक्रिया भी पूरी कर ली जाएगी। साथ ही ऐसे गुरू घंटालों से रिकबरी भी की जाएगी।

दाे साल में  साठ बर्खास्त

प्रदेश भर में दो साल की एसटीएफ की जांच में अब तक 61 फर्जी शिक्षक मिल चुके हैं और उन्हें बर्खास्त किया जा चुका है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि अन्य गुरू घंटालों की मौजूदगी से इंकार नहीं किय जा सकता जिन्होंने फर्जी पेपरों के आधार पर नौकरी पायी है। ऐसे मामलों की जांच बीएसए को करनी है। साथ ही रिपोर्ट  महानिदशेक शिक्षा कानपुर को प्रेषित करनी है। एसटीएफ की जांच के इतर इस जांच के आदेश दिए गए हैं। बीएसए खंड शिक्षा अधिकारियों से ऐसे शिक्षकों की जांच कराएंगे।

हीलाहवाली पर महानिदेशक सख्त

प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में  फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी हासिल करने वाले जिले के 18 बर्खास्त शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज करने की कवायद शुरू हो गई है। बेसिक शिक्षा परिषद की सचिव ने मामले में हीलाहवाली करने पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए, बेसिक शिक्षा अधिकारी को मुकदमा दर्ज करा एफआईआर की कॉपी तलब कराने का निर्देश दिया है। बर्खास्त शिक्षकों में से एक की मौत भी हो चुकी है, जबकि कुछ पर पहले ही मुकदमा दर्ज है।

हीला हवाली पर नहीं बीएसए की खैर

फर्जी दस्तावेज और नियुक्ति प्रपत्र पर नौकरी कर रहे बेसिक शिक्षकों की जांच में सहयोग नहीं करने वाले जिला बेसिक अधिकारियों पर सरकार की नजर टेढ़ी हो गई है। एसटीएफ की ओर से शिकायतें मिलने के बाद शासन ने स्कूल शिक्षा महानिदेशक को ऐसे बेसिक अधिकारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने 28 बीएसए को कड़ा नोटिस भेजा है। एक सप्ताह के भीतर सभी चिन्हित शिक्षकों के दस्तावेज एवं नियुक्ति प्रपत्र की सत्यापित कापी विशेष संदेशवाहक के साथ बेहद गोपनीय तरीके से लखनऊ स्थित एसटीएफ अधीक्षक कार्यालय में पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्त हुए शिक्षकों की जांच कर रही एसटीएफ ने शासन से शिकायत की थी कि कई जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारी जांच में सहयोग नहीं कर रहे। उनसे जो दस्तावेज की सत्यापित प्रति मांगी जा रही है, वह उसे उपलब्ध कराने में आनाकानी कर रहे है। परिणामस्वरूप जांच में अनावश्यक रूप से विलम्ब हो रहा है।
इन जिलों के बीएसए को भेजा गया नोटिस
स्कूल महानिदेशक की ओर से जिन जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को नोटिस भेजा गया है उसमें देवरिया, मथुरा, बलिया, संतकबीरनगर, प्रतापगढ़, जौनपुर, गोरखपुर, कुशीनगर, महराजगंज, सुलतानपुर, बस्ती, हमीरपुर, उन्नाव, गोण्डा, बलरामपुर, आगरा, अलीगढ़, एटा, प्रयागराज, कौशाम्बी, मुरादाबाद, लखनऊ, रायबरेली, अम्बेडकरनगर, सोनभद्र, गाजीपुर, बदायूं तथा ललितपुर के नाम शामिल हैं इनमें अभी मेरठ का नाम शामिल नहीं है।

इनकी भी होगी जांच

69000 सहायक शिक्षक भर्ती की पूरी लिस्ट फिर बनाने को कहा गया है. कोर्ट ने 69000 सहायक शिक्षक भर्ती की लिस्ट को गलत माना है. जोर देकर कहा गया है कि 19 हजार से अधिक सीटों पर आरक्षण में विसंगतियां पाई गई हैं. हाई कोर्ट ने सरकार को 3 महीने में पूरी लिस्ट सही करने के दिए निर्देश दिए हैं

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