तो फिर मोमबत्ती से करना होगा गुजरा,
मेरठ/निजीकरण के विरोध कर रहे बिजली कर्मी सरकार की बत्ती गुल करने पर उतारू हैं। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी कीमत पर निजीकरण नहीं करने दिया जाएगा। कर्मचारियों ने विरोध में गुरूवार को मोमबत्ती जुलूस निकाला। विद्युत कर्मचारी संयुक्त समिति ने शुक्रवार को प्रदेश व्यापी विरोध प्रदर्शन का एलान किया है। हालांकि विरोध प्रदर्शन से प्रयागराज को अलग रखा गया है।
यूपी, चण्डीगढ़ और राजस्थान में बिजली के निजीकरण के सरकार के निर्णय से कर्मचारियों में उबाल है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त समिति के संयोजक इं. निशांत त्यागी व सह संयोजक कपिल देव गौतम ने बताया कि बुधवार को प्रदेश के सभी जनपदों और परियोजनाओं पर बिजली कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किया और मोमबत्ती जुलूस निकाला। नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी आॅफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के निर्देश पर 31 को उप्र, चंडीगढ़ और राजस्थान में बिजली के निजीकरण की चल रही प्रक्रिया के विरोध में देश के सभी जनपदों और परियोजना मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि मुनाफे में चल रहे चंडीगढ़ के विद्युत विभाग को गोयनका ग्रुप की एमिनेंट इलेक्ट्रिक कम्पनी को 01 फरवरी को सौंपने की तैयारी चल रही है जिससे पूरे देश के बिजली कर्मचारियों में भारी गुस्सा व्याप्त है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को घाटे के नाम पर बेचने की साजिश है। चंडीगढ़ के बिजली विभाग की 22 हजार करोड़ की परिसंपत्तियों को मात्र 871 करोड़ में बेच दीं। बुधवार को प्रदेश में बिजली कर्मचारियों, संविदा कर्मियों और अभियंताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और मोमबत्ती जुलूस निकाला । इसमें संघर्ष समिति मेरठ के इं सी पी सिंह (सेवानिवृत), इं निशान्त त्यागी, इं प्रगति राजपूत, , कपिल देव गौतम, जितेन्द्र कुमार, दिलमणि, मांगेराम, दीपक कश्यप, प्रदीप दरोगा, भूपेंद्र, कासिफ आदि शामिल रहे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि निजीकरण हुआ तो फिर मोमबत्ती से गुजरना करना होगा।