तो क्या ऋषभ मामले में बढ़ेगी मुश्किलें, मेरठ के सदर के वेस्ट एंड रोड स्थित ऋषभ एकाडेमी गवन घोटाले की जांच की फाइल वापस लौटा दिए जाने के बाद मुख्य अभियुक्त रंजीत जैन जो इन दिनों जेल में बंद हैं, उनके इकबालिया बयान के बाद क्या एक बार फिर मृदुल जैन व सुनील जैन की मुश्किलें बढ़ने जा रही हैं। यह आशंका इसलिए जतायी जा रही है क्योंकि इस फाइल पर तीसरी बार सीओ सदर के स्तर से आपत्ति लगायी गयी है। सबसे पहली आपत्ति एएसपी सूरज राय ने लगायी थी। उन्होंने केवल आपत्ति ही नहीं लगायी थी बल्कि जांच अधिकारी के प्रति कठोर शब्दों में आख्या भी दर्ज करते हुए उनके द्वारा की गयी जांच पर भी गंभीर सवाल उठाए थे। उनके बाद एएसपी मीण भी सदर थाना के क्राइम इंचार्ज की जांच से संतुष्ट नजर नहीं आए। जिसमें रंजीत जैन ने जिन दो लोगोंं के नाम मृदुल जैन व सुनील जैन के निकाले जाने की बात सामने आयी थी, हालांकि हम इसकी पुष्टि नहीं करते, मृदुल व सुनील के करीबी ही इसको लेकर सदर सर्राफा बाजार में सदर पुलिस से सेटिंग गेटिंग का ढिढोरा पीटते थे, इसलिए बाजार से ही इसकी पुष्टी संभव है, लेकिन फिलहाल का जो अपडेट है कि जांच की फाइल जिसको लेकर नाम निकाले जाने की चर्चा सदर बाजार के सर्राफा कारोबारी खूब किया करते थे, वह लौटा दी गयी है। वहीं दूसरी ओर शिकायतकर्ता सीए संजय जैन का साफ कहना है कि इस जांच में उनके जो बयान दर्शाए गए हैं, वो बयान कभी भी उन्होंने नहीं दिए। बकौल संजय जैन जांच अधिकारी ने उनके बयानों को लेकर अभी तक किसी प्रकार की लिखा पढ़ी तक नहीं की। वह खुद हैरान है कि उनका बयान इस जांच में किस प्रकार से दर्शा दिया गया है। उन्होंने बताया कि वह अपने आरोपों व बात पर आज भी कायम है। जहां तक मृदुल व सुनील के नाम का सवाल है तो दोनों का नाम खुद रंजीत जैन ने लिया है। सच्चाई तो रंजीत बता सकते हैं।