टूटा हज का सपना-फ्लाइट से उतारा
गिराेह के जाल में फंसकर सस्ते में हज का लालच पड़ा भारी
लालकुर्ती के तीन और खरखौदा के दो लोग को हैदराबाद एयर पोर्ट से लौटाया
मेरठ। हर मुसलमान की ख्वाहिश होती है कि जिदंगी में एक बार हज का मौका जरुर मिले। इसके लिए वो तमाम जतन करता है। पाई-पाई जोड़ता है, जरूरत पड़ने पर उधार भी लेता ताकि दो जहां के मालिक की बारगाह तक पहुंच सके, लेकिन सस्ती हज यात्रा का लालच देकर एक गिरोह ने मेरठ के छह लोगाें का हज करने का सपना तोड़ दिया। इनमें से एक ही परिवार के तीन लोग सदर बाजार थाना क्षेत्र के सोतीगंज इलाके के हैं और सात लोगों हापुड़ रोड खरखौदा पीपली खेड़ा के हैं। ये सभी लोग सस्ती हज यात्रा कराने वाले गिरोह के जाल में फंस गए, जिसके बाद हज करने का सपना ही नहीं टुटा बल्कि सस्ती हज यात्रा कराने के नाम पर इनसे जो रकम ली गयी, वह भी पूरी वापस नहीं दी गयी। सदर के सोतीगंज जगदीश शरण वाली गली में मोनू का परिवार रहता है। मोनी,उनकी माता जी जमीला व पत्नी का हज यात्रा का विजा लग गया था। इनके साथ ही पीपली खेड़ा के भी सात लोगों का वीजा लग गया था। 15 मई को जद्दा के लिए इनकी फ्लाईट थी। इनका वीजा हज कमेटी की मार्फत लगा था। उसके लिए इन्हें करीब साढे़ तीन लाख रुपए प्रति व्यक्ति सरकार के खाते में जमा करने थे, लेकिन उससे पहले ही ये सभी लोग सस्ती हज यात्रा करने वाले गिरोह के झांसे में जा फंसे। सोतीगंज निवासी भुक्तभोगी मोनू ने बताया कि जब उनका वीजा लग गया तो उनके नंबर पर एक काल आयी। काल करने वाले शख्स ने अपना नाम देहलीगेट थाना क्षेत्र के जलीकोठी निवासी इमरान बताया। आरोप है कि इमरान ने इनसे कहा कि साढे तीन लाख खर्च की जरुरत नहीं उसके इंडिया से लेकर साउदी तक कनेक्शन है। अब तक वह हजारों को हज करा चुका है वो भी कम पैसों में। मोनू ने आरोप लगाया कि इमरान ने कहा कि साढ़े तीन लाख खर्च करने की जरूरत नहीं, केवल ढाई लाख में बहुत अच्छे से हज यात्रा करा देगा। उसी में खाना ठहरना आना जाना सब हो जाएगा। साढे़ तीन की बजाए महज ढाई लाख में हज। खुशी-खुशी सब तैयार होगए। इमरान पर भरोसा कर उसको पासपोर्ट व पैसे दे दिए। 8 मई को दिल्ली से करीब दो दर्जन लोगों का एक जत्था फ्लाई में सवार हुआ। सब की आंखें खुशी से चमक रही थीं, जिंदगी भर की मुराद पूरी हो होने जा रही थी, लेकिन ऐसा हो ना सका।
हैदराबाद में फ्लाइट से उतारा
इन सभी को इमरान का भाई जुनैद लेकर चला था। हैदराबाद एयरपोर्ट पर सभी के पेपरों की जांच की गयी। वहां एयरपोर्ट के अफसराें ने इन सभी को एयरपोर्ट पर ही रूकने को कहा। किसी के कुछ समझ में नहीं आया। कई घंटे बाद एक अफसर इनसे मिलने आया। उसने साफ कह दिया कि आप लोग जद्दा नहीं जा सकते। वहां फिलहाल जो हज के लिए जा रहे हैं उन्हीं को केवल अनुमति है। इन सभी ने कहा कि वो भी हज के लिए घर से निकले हैं, लेकिन एयरपोर्ट अफसर ने जो इन्हें बताया उससे इन सभी के पैरों तले जमीन खिसक गयी। इस अफसर ने बताया कि उनमें से किसी का भी हज वीजा नहीं लगा है। उनके पास जो वीजा है वह विजिट वीजा है। यह सुनकर वहां पर मौजूद जुनैद जो इनके साथ चल रहा था इन्होंने उसको घेर लिया। खूब हंगामा हुआ और दो दिन तक हैदराबाद ऐयरपोर्ट पर बंधक अवस्था में रहने के बाद ऐयरपोर्ट से ही फ्लाईट में चढ़ाकर वापस दिल्ली भेज दिया। इस जत्थे में दिल्ली के भी कई लोग थे। उन्होंने अपने घर काल कर सारा माजरा बता दिया था। उनके परिवार वाले एयरपोर्ट पर आ धमके, लेकिन वहां से जुनैद गच्चा देकर निकल गया। हालांकि जो रकम दी गयी थी उसमें से साठ से अस्सी हजार काटकर वापस दे दी गयी।
सरकार को भी राजस्व का फटका
सस्ती हज यात्रा कराने के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह केवल लोगों के सपनों पर ही पानी नहीं फेर रहा है, बल्कि सरकार को भी राजस्व का चूना लगा रहे हैं। हज कमेटी की मार्फत जाने वाले साढे तीन लाख रुपए सरकारी खाते में जमा करते हैं, जबकि यह गिरोह पौने दो लाख या इससे भी कम में हज यात्रा कराने का दावा करता है। यह कैसे होता है यह तो तभी संभव है जब इस गिरोह का कोई सदस्य धरा जाए।
@Back Home