यूएन महासचिव ने दिखाया आईना, संयुक्त राष्ट्र: आल्ट न्यूज के मोहम्मद जुबैर के खिलाफ कार्रवाई पर विश्व मीडिया ने कठोर शब्दों में आलोचना की है। हालांकि इस मुददे पर भारत का मीडिया बंटा हुआ है। वहीं दूसरी ओर यूएन महासचिव ने भी भारत को आईना दिखाया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के एक प्रवक्ता ने भारत में ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी का हवाला देते हुए कहा है कि पत्रकार ‘जो कुछ भी लिखते हैं, ट्वीट करते हैं या कहते हैं’, उसके लिए उन्हें जेल नहीं भेजा जाना चाहिए. प्रवक्ता ने कहा कि यह आवश्यक है कि लोगों को निडर होकर अपनी बात कहने की अनुमति दी जाए. पाकिस्तान के एक पत्रकार ने पूछा था कि क्या वह जुबैर की रिहाई का आह्वान करते हैं, इसके जवाब में दुजारिक ने कहा, ‘पत्रकार जो कुछ भी कहते हैं, लिखते हैं या ट्वीट करते हैं इसके लिए उन्हें जेल नहीं भेजा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘अधिकारियों को तत्काल और बिना किसी शर्त के जुबैर को रिहा करना चाहिए और उन्हें बिना किसी दखलंदाजी के अपनी पत्रकारिता करने देना चाहिए.’ गौरतलब है कि जिस ट्ववीट को ‘धार्मिक भावनाओं को भड़काने’ वाला बताने का दावा करते हुए दिल्ली पुलिस ने मोहम्मद ज़ुबैर को गिरफ़्तार किया है, वह साल 1983 में आई मशहूर निर्देशक हृषिकेश मुखर्जी की कॉमेडी फिल्म ‘किसी से न कहना’ का एक दृश्य है, जिसमें ‘हनीमून होटल’ की मात्राओं में फेरबदल करते हुए इसे ‘हनुमान होटल’ लिखा गया था.‘कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स’ (सीपीजे) ने भी जुबैर की गिरफ्तारी की निंदा की है. वाशिंगटन में सीपीजे के एशिया कार्यक्रम समन्वयक स्टीवन बटलर ने कहा, ‘पत्रकार मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी से भारत में प्रेस की स्वतंत्रता का स्तर और नीचे चला गया है. सरकार ने प्रेस के सदस्यों के लिए शत्रुतापूर्ण माहौल बना दिया है.’
जुबैर की गिरफ्तारी से पहले गुजरात पुलिस ने तीस्ता सीतलवाड़ को 2002 गुजरात दंगों के सिलसिले में आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए अदालत में गलत साक्ष्य पेश करने के आरोप में गिरफ्तार किया था.