विस प्रबोधन में डा. वाजपेई का संबोधन, मेरठ के भाजपाइयों ही नहीं बल्कि पूरे मेरठ वासियों के लिए शुक्रवार का दिन बेहद गौरवपूर्ण रहा। दरअसल यह गौरव पूर्ण पल प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश भाजपा ज्वाइनिंग कमेटी के अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेई का विधानसभा की प्रबोधन कार्यक्रम में संबोधन। यूं तो डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी का नाम किसी परिचय और काम के नाम पर पहचान का मोहताज नहीं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान डा. लक्ष्मीकांत वाजपेई की अध्यक्षता वाली ज्वाइनिंग कमेटी ने जिस प्रकार से अन्य राजनीतिक दलों की जड़ों को खोखला करने का काम किया, वो चुनाव नतीजों में साफ साफ दिखाई दिया। मेरठ वासियों के लिए बतौर डा. वाजपेई के नाम पर इससे ज्यादा गौरवपूर्ण कुछ नहीं हो सकता। अब बात करते हैं शुक्रवार के कार्यक्रम की। लखनऊ नवनिर्वाचित विधायकों के प्रशिक्षण हेतु आज उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रबोधन कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसका उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने किया। विधानसभा के तिलक हाल में आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम में लक्ष्मीकांत बाजपेई ने संबोधित करते हुए औचित्य का प्रश्न एवं संसदीय समितियों पर नवनिर्वाचित विधायकों के समक्ष विषय रखा। डॉक्टर बाजपेई ने विधायक को अवगत कराया कि औचित्य का प्रश्न महावत के अंकुश की तरह शस्त्र है इसके माध्यम से सदस्य विधानसभा सरकार व अधिकारी की मनमानी पर रोक लगाने में सफल होते हैं। संसदीय की 20 समितियों पर बोलते हुए डॉक्टर बाजपेई ने कहा कि समितियां लघु सदन का रूप होती है जब सदन सही चल रहा होता है तो समितियों की बैठक के माध्यम से विधायक अपने क्षेत्र की जनता कार्यकर्ताओं को समस्याओं के निदान में सकारात्मक भूमिका निर्वहन कर सकते हैं। विधायकों से आग्रह किया कि जब तक सदन चल रहा हो तो सदन में रहे शेष समय में पुस्तकालय का भरपूर प्रयोग करें पुरानी कार्यवाही को पढ़ें तथा मनन करें नियमावली को अपने धर्म ग्रंथ की भांति अध्ययन करें वह आत्मा सात कर लें। जो भी नए विधायक इस मौके पर मौजूद थे, उनका कहना था कि डा. वाजपेई का समझाने का तरीका बेहद शानदार है। विपक्षी दलों के विधायकों ने भी उनकी बहुत सराहना की।