चार रुपए में भला कौन सा है फल आता

चार रुपए में भला कौन सा है फल आता
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चार रुपए में भला कौन सा है फल आता, मेरठ / \गरीब मासूमों से यह मजाक नहीं तो और क्या है। पुरानी कहावत है कि नाम बडे और दर्शन छोटे। मिड-डे मील में दावा बच्चों को फल देने का किया जा रहा है और प्रति बच्चा फल के नाम पर केवल चार रुपए सरकार दे रही है। मार्केट में 120 रुपए प्रति किलो सेव है, केले को रेट 80 रुपए दर्जन है और अभी संतरा आना शुरू नहीं हुआ है जो आ रहा है वो भी 150 रुपए किलो बिक रहा है। ऐसे में चार रुपए प्रति बच्चा कैसे फल दिया जा सका है। चार रुपए में गरीब बच्चों को फल देने का जादू तो वो अफसर ही बता सीखा और समझा सकते हैं जिन्होंने फरमान जारी किया है।
फल वितरण हेतु 4 रुपया प्रति छात्र आता है। जबकि पांच साल पहले भी चार रुपए में कोई फल बाजार में नहीं मिलता था। बाजार भाव की यदि बात करें तो इन दिनों सेब का बाजार मूल्य 100- 120 रुपए से लेकर 250 रुपए प्रति किलो तक है।ं केला 80 रुपए प्रति दर्जन तक बिकता है। संतरा बाजार में 120 रुपए किलो से लेकर 180 रुपए प्रति किलो तक है। नार 120 रुपए से लेकर 250 रुपए प्रति किलो तक है। अमरूद भी बाजार में 70-80 रुपए से लेकर 150- 200 रुपए प्रति किलो तक बिक जाता है। लखनऊ में बैठने वाले अफसरों का हुकुमनामा जारी हुआ है कि चार रुपए में फल दो। यह भी हिदायत है कि छोटे फल या कटे हुए फल बांटना नहीं है। बड़े फल और बिना कटे हुए समूचे फल ही बांटना है। अखास बात ये की त्यौहारों के मौसम में, सहालग में (शादी विवाह के सीजन में) फलों की मांग बढ़ने से इनकी कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हो जाती है। बाजार में में पैकेट वाला दूध 68 रुपया प्रति लीटर है। गांव का खुला दूध कुछ सस्ता हो सकता है लेकिन उसकी क्वालिटी की कोई गारंटी नहीं है कितना पानी या अन्य अशुद्धियां मिली हुई हैं।

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