पुलिस सही या पावर चीफ

पुलिस सही या पावर चीफ
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पुलिस सही या पावर चीफ,

बंद करने के बजाए छोड़ दी खंबों से भरी गाड़ी

पावर चीफ ने मामले में  एसडीओ कंकरखेड़ा से तलब की रिपोर्ट

पुलिस बोली अब्दुलापुर रोड से पकड़ा, चीफ ने बताया घर से था उठाया

मेरठ। बिजली के पुराने खंबों से भरी गाड़ी को छोड़ना भावनपुर पुलिस के गले की फांस बन सकता है। बताया जा रहा है कि जो गाड़ी पकड़ी गई थी उसमें लादे गए खंबे चोरी के थे।बिजली के खंबों का यह मामला पीवीवीएनल के उच्च पदस्थ अधिकारियों तक भी पहुंच गया है। अधीक्षण अभियंता नगर ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। दरअसल इस मामले में केवल भावनपुर पुलिस ही नहीं बल्कि कंकरखेड़ा स्थित बिजलीघर का एक जेई भी फंसता नजर आ रहा है। बकौल एसओ भावनपुर खुद को कंकरखेड़ा बिजलीघर का जेई बताने वाले शख्स की उसके सीयूजी नंबर से काल आने के बाद ही गाड़ी छोड़ी गयी थी।

यह है पूरा मामला

विगत 7/8 अप्रैल को भावनपुर पुलिस ने बिजली के खंबों से भरी एक गाड़ी को अब्दुल्लापुर रोड पर रोका था। बताया जाता है कि इस गाड़ी में बिजली के पुराने और कुछ काटे गए खंबे लादे गए थे। सूत्रों ने जानकारी दी है कि कुछ खंबे ऐसे थे जिन्हें देखकर लगता था कि उन्हें कटर से काटा गया है। जो गाड़ी पकड़ी गयी थी उसमें छत से ऊपर तक खंबे लादे गए थे। खंबों के बाहर वाली तरह बिजली महकमे की एक सीढ़ी भी बांधी गयी थी। बताया जाता है कि सीढ़ी इसलिए बांधी गयी थी ताकि रास्ते में रोका टोकी ना हो, यह बात अलग है कि इसके बाद भी भावनपुर के अब्दुलापुर क्षेत्र में गाड़ी रोक ली गयी। बकौल एसओ भावनपुर उनके हल्का इंचार्ज विक्रम सिंह ने यह गाड़ी रोकी थी। उसी ने बताया कि पूछताछ के बाद यह गाड़ी छोड़ी दी गयी। विक्रम सिंह ने यह भी बताया कि जो शख्स गाड़ी लेकर जा रहा था, उसने बताया कि कंकरखेड़ा स्थित बिजलीघर से खंबे लादे गए हैं। इतना ही नहीं इस शख्स ने कंकरखेड़ा बिजलीघर के जेई से भी बात कराए जाने की बात कही और उसने एक शख्स जो खुद काे कंकरखेड़ा बिजलीघर का जेई बता रहा था, उससे बात भी करायी। खुद को जेई बताने वाले शख्स ने बताया कि ये खंबे विभागीय कार्य से भेजे जा रहे हैं।

चीफ ने कर दिया बेनकाब

इस संबंध में जब अधीक्षण अभियंता राजेन्द्र बहादुर यादव से बात की गयी तो उन्होंने भावनपुर पुलिस को ही बेनकाब कर रख दिया। उन्होंने बताया कि इस मामले की जानकारी मिली है और उन्होंने एसडीओ कंकरखेड़ा से पूरे मामले में रिपोर्ट भी तलब कर ली है। मामला गंभीर है। निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सबसे बड़ी व चौंकाने वाली जाे जानकारी दी वो यह कि जिस गाड़ी को पकड़े जाने की कहानी भावनपुर पुलिस बता रही है, वो गाड़ी अब्दुलापुर मार्ग से नहीं पकड़ी गयी बल्कि जिन खंबों का जिक्र किया जा रहा है वह आरोपी के घर पर दी गयी दबिश में बरामद किए गए हैं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं कि दबिश देने हल्का इंचार्ज दरोगा विक्रम सिंह अकेले गए थे और उन्होंने कागजों में रवानगी दर्ज की या नहीं या फिर सूचना पर अकेले ही पहुंचकर मलाई पर हाथ साफ कर दिया।

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