एमडीए की सील तोड़ बना डाला अवैध कांप्लैक्स, मेरठ विकास प्राधिकरण के जोन ए-3 में भूमाफिया ने प्राधिकरण के दस्ते द्वारा दो बार लगायी गयी सीलों को तोड़कर अवैध कांप्लैक्स बना डाला। हैरानी तो इस बात की है कि दो बार सील तोड़े जाने के बाद भी प्राधिकरण का जोनल स्टाफ अवैध कांप्लैक्स ध्वस्त करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। जानकारों का मानना है कि भूमाफिया-कुछ भ्रष्ट अफसर और नेताओं के संरक्षण का यह नेक्सस अवैध निर्माण के प्राधिकरण प्रशासन के दावों की पोल खोलने को काफी है। पोल तो खुल गयी है लेकिन बड़ा सवाल यही कि प्राधिकारण के दस्तों द्वारा अवैध निर्माणों पर लगायी गयी सील को तोड़े जाने के मामलों को लेकर क्या प्राधिकरण अध्यक्ष सख्त रूख अख्यात करेंगी। फिलहाल एमडीए उपाध्यक्ष का चार्ज जिलाधिकारी के पास है, उम्मीद की जा रही है कि एमडीए द्वारा दो बार लगायी गयी सील तोड़े जाने के इस मामले को लेकर जरूर कोई ठोस कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं इस गंभीर प्रकरण में प्राधिकरण के जोन-3 के स्टाफ की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी। इस जोन में असलम नाम का एक शख्स अवैध रूप से कांप्लैक्स बना रहा है। आसपास के लोगों ने बताया कि एमडीए का स्टाफ दिन में कई बार यहां आता है। लेकिन बजाए अवैध कांप्लैक्स पर कार्रवाई के एमडीए के स्टाफ के लोग असलम से मिलकर चले जाते हैं। जोन-ए-3 में केवल असलम का ही इकलौता अवैध निर्माण नहीं है। ऐसे न जाने कितने अनुमान की बात की जाए तो अवैध निर्माणों का आंकड़ा इस जोन में सैकड़ा पार कर चुका है।
जोनल स्टाफ पर सवाल:
मेरठ विकास प्राधिकरण के जोन-ए-3 में जिस प्रकार से अवैध निर्माणों व अवैध कालोनियों की बाढ़ आयी हुई है उससे यह तो स्पष्ट हो गया कि जोन का स्टाफ किस प्रकार से अपनी डयूटी कर रहा है, लेकिन जिन अवैध निर्माणों पर प्राधिकरण के दस्ते द्वारा दो बार सील लगायी गयी हो और दोनों ही बार उस सील तो तोड़कर उसे खुर्दबुर्द कर वहां लगातार अवैध निर्माण का जारी किया जाना और उसके बाद भी उक्त अवैध निर्माण को बुलडोज न किया जाना तो सवाल तो पूछा ही जाएगा कि ऐसा क्या है जो जोनल स्टाफ इस अवैध निर्माण के खिलाफ सख्त एक्शन यानि बुलडोज किए जाने की रिपोर्ट प्राधिकरण अध्यक्ष को नहीं भेज रहा है। या फिर यह मान लिया जाए कि अवैध निर्माण करने वाले भूमाफिया से जोन के स्टाफ की यारी प्राधिकरण के कायदे कानूनों पर पड़ रही भारी है।
अवैध निर्माणों के लिए बदनाम
प्राधिकरण का जोन-ए-3 अवैध निर्माणों के लिए पूरे महानगर में बदनाम है। घनी आबादी वाले इस इलाके में शायद ही कोई ऐसी जगह हो जहां अवैध निर्माण न चल रहे हों। जोन ए-3 पूरी तरह से अवैध निर्माणों की चपेट में है। कार्रवाई की जहां तक बात है तो दो बार लगायी गयी सील तोड़कर भी यदि अवैध निर्माण को जारी रखा जाता है तो अंदाजा लगा लीजिए कि एमडीए के दस्ते द्वारा लगायी गयी सील के अवैध निर्माण कराने वाले भूमाफियाओं के सामने कितनी अहमियत है।
कार्रवाई नहीं पैरवी:
प्राधिकरण का जोन-ए-3 चमड़ा पैठ का इलाका जहां उक्त अवैध निर्माण चल रहा है या फिर कहें लगभग पूरा हो चुका है, उसको लेकर जब कार्रवाई के संबंध में जेई सोमेन्द्र प्रताप से सवाल किया तो बजाए कार्रवाई की बात करने के उनका रवैया अवैध निर्माण को बचाने के लिए उसकी पैरवी करने तथा संरक्षण देने सरीखा नजर आया। कमाेवेश इस इलाके के सुपरवाइजर राजेन्द्र ऊर्फ घोड़ा भी सवाल किए जाने पर सख्ती के नाम पर कन्नी काटते नजर आए। जेई तो चुनौती देने के मूड में आ गए। उन्होंने यहां तक कह डाला कि ऐसे ही अवैध निर्माण जारी रहेगा, जहां चाहो इसकी शिकायत कर दो।
वर्जन
सील तोड़कर निर्माण को लेकर जहां भी चाह शिकातय करनी है कर लीजिए, काम नहीं रूकने वाला है। इस कांप्लैक्स का काम यू ही जारी रहेगा।
-सोमेन्द्र प्रताप-अवर अभिंयता जोन ए-3 एमडीए
प्रकरण की किसी ने शिकायत नहीं की है। यदि कोई शिकायत करेगा या फिर फिल्ड स्टाफ से कोई जाकनारी मिलेगी तो जरूर कार्रवाई की जाएगी।
-रंजीत सिंह जोनल अधिकारी जोन-ए-3 एमडीए