कमिश्नर के आदेशों पर भारी आरोपी की पहुंच

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कमिश्नर के आदेशों पर भारी आरोपी की पहुंच,  गंगानगर में  खाद्यान घोटाला मामले में साल 2017 में तत्कालीन मंडलायुक्त प्रभात कुमार ने उस्मान नाम के जिस कर्मचारी को आरोपियों में शुमार करते हुए उसको हटाने के आदेश किए थे, वही उस्मान नाम का कर्मचारी तत्कालीन कमिश्नर के आदेशों पर भारी पड़ा। आदेशों के उसकाे कुछ  समय के लिए डीएसओ कार्यालय भेज दिया गया, लेकिन बाद में अपनी पहुंच के बूते उक्त कर्मचारी कुछ समय बाद पुन संयुक्त खाद्य आयुक्त कार्यालय कमिश्नरी में पहुंचने में कामयाब हो गया। वर्तमान में उक्त वहीं पर डयूटी कर रहा रहा है।  इस मामले की शिकायत अब प्रदेश के मुख्यमंत्री और  प्रमुख सचिव खाद्य को भी भेजी गयी है। इसके अलावा सजग प्रहरी उत्तर प्रदेश शाखा जिला मेरठ के अध्यक्ष कुलदीप शर्मा ने उस्मान अली को लेकर विस्तृत जानकारी देते हुए एक पत्र कमिश्नरी को 6 अप्रैल को भेजा है तथा मामले की जांच की मांग की है।

यह है पूरा मामला

ऊर्दु अनुवादक उस्मान की अली मूल तैनाती जिला आपूर्ति कार्यालय मेरठ की है, साल 2017 में जब यह संयुक्त आयुक्त खाद्य कार्यालय मेरठ में तैनात था तब तमाम शिकायतों को चलते तत्कालीन कमिश्नर प्रभात कुमार ने 4-5-2917 को हटाए जाने के आदेश जारी कर दिए थे। हटाए जाने के बाद इसको जिला आपूर्ति कार्यालय मेरठ में  शिफ्ट कर दिया गया। आरोप है कि अपने सेटिंग गेटिंग कर उक्त उस्मान अली साल 2018 अपने जुड़ा की मार्फत दोबारा पुरानी तैनाती लेने में सफलता हासिल कर ली। इसका आधार कार्य की अधिकता बतायी गयी। तब से उक्त उस्मान अली जिसका प्रभात कुमार ने हटावा दिया था पुन कमिश्नरी स्थित संयुक्त आयुक्त आवास कार्यालय में पहुंच गया।

बगैर जांच के क्लीनचिट का आरोप

उस्मान अली की कारगुजारियों की शिकायत किसी एक नहीं बल्कि कई लोगों ने की है। विभाग के ही एक कर्मचारी आशीष दूबे ने बताया कि उन्होंने तथा उनके कई परिचितों ने उस्मान अली की शिकायतें शासन को आईजीआरएस की मार्फत भेजी हैं। ऐसी ही एक शिकायत की जांच के आदेश जिला आपूर्ति कार्यालय में बैठने वाले डीएसओ विनय कुमार को भेजी गयी थी। आशीष दूबे का आरोप है कि बगैर जांच के ही डीएसओ ने उक्त मामले में शासन को गलत तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर मामले का निस्तारण कर दिया। जो आरोप उस्मान अली पर लगाए थे उनको लेकर जांच अधिकारी डीएसओ ने आशीष दूबे से कोई साक्ष्य नहीं मांगे।

राशन घोटाले के आरोपियों में भी है शामिल

सजगह प्रहरी उत्तर प्रदेश शाखा जनपद मेरठ के अध्यक्ष कुलदीप शर्मा की ओर से कमिश्नर को भेजे गए शिकायती पत्र, जिसमें उस्मान अली को लेकर जांच की मांग की गयी है को लेकर एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। दरअसल साल 2017 में गंगानगर क्षेत्र में तीन ट्रक खाद्यान पकड़ा गया था। उसकी जांच के आदेश तत्कालीन कमिश्नरी प्रभात कुमार ने दिए थे। जांच तत्कालीन संयुक्त आयुक्त खाद्य अनिल कुमार दूबे ने की थी। उस जांच में केंद्र प्रभारी राहुल गौड. चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हिमांशु, फरात अली व कई अन्य शामिल थे। आशीष दूबे ने बताया कि  संयुक्त आयुक्त खाद्य ने जो जांच की थी उसमें उस्मान अली पर जिन ट्रकों में खाद्यान पकड़ा गया था उन पर जो कारों के नंबर अंकित पाए गए थे उसके लिए जांच में उस्मान को दोषी पाया गया।

कौन है आसू उर्फ आस मोहम्मद

संयुक्त आयुक्त खाद्य कार्यालय में इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा आसू उर्फ आस मोहम्मद नाम के शख्स की है। सवाल पूछा जा रहा है कि यह शख्स कौन है। किस हैसियत से सरकारी कार्यालय वो भी जो कार्यालय कमिश्नरी में स्थित है वहां केवल बैठ ही नहीं रहा है बल्कि आरोप है कि सरकारी फाइलों को भी टच कर रहा है। इसके लिए भी उस्मान अली का नाम लिया जा रहा है। सजग प्रहरी के कुलदीप शर्मा ने बताया कि उस्मान अली ने ही साजिश कर आशीष दूबे दुबे को सस्पेंड कराया है ताकि इस सीट पर काविज रहें। आशीष दूबे ने भी कमिश्नर से इंसाफ की फरियाद की है।


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