रक्षा मंत्री को 182 को लेकर लैटर

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सेवा में

श्रीमान राजनाथ सिंह महोदय

रक्षा मंत्री भारत सरकार

रक्षा मंत्रालय, साउथ ब्लॉक केंद्रीय सचिवालय

नई दिल्ली

विषय:- मेरठ कैंट के आबूलेन स्थित आवासीय बंगला 182 में तोड़फोड़ कर  खुली भूमि पर व्यवसायिक कांप्लैक्स बनाने के अवैध कार्य के संबंध में।

महोदय,

आपको अवगत कराना है कि मेरठ कैंट आबूलेन स्थित बंगला 182 एक आवासीय संपत्ति है। जो श्रीमती सादत सुलतान बेगम, राहत अली शाह, सरवत अली शाह आदि के नाम पर जीएलआर में दर्ज है। उक्त आवासीय बंगले पर भूमाफिया के द्वारा अवैध ढंग से क्रय विक्रय कर  भारत सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि पहुंचते हुए जय प्रकाश अग्रवाल व अमन अग्रवाल द्वारा  छावनी परिषद के पूर्व सभासद अनिल जैन की मदद तथा कैंट बोर्ड मेरठ के अधिकारियों व स्टाफ के कुछ लोगों से गठजोड़ कर 350 दुकानों का अवैध कांप्लैक्स खड़ा किया जा रहा है। जिसके संबंध में स्थानीय स्तर पर कैंट बोर्ड मेरठ के उच्च पदस्थ अधिकारियों को निरंतर अवगत कराए जाने के बावजूद कोई निरोधात्मक कार्रवाई नहीं की जा रही है। न ही 182 आबूलेन स्थित आवासीय बंगले में किए जा रहे अवैध निर्माण को सील किया जा रहा है, जाे कि स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी है, जिसका निवर्हन न करना रक्षा मंत्रालय से सीधी गद्दारी है। इस प्रकरण में कैंट बोर्ड मेरठ प्रशासन के अधिकारी व स्टाफ द्वारा मात्र चार नोटिस जारी किया जाना फाइलों में दर्शाया गया है। यह कृत्य केवल जांच में खुद व नौकरी बचाने से अधिक कुछ नहीं।  अवैध निर्माण रोकने व सील करने की कार्रवाई जानबूझ कर नहीं की गई है। भारत सरकार को करोड़ों के राजस्व की हानि पहुंचाने के इस खेल में भारी भरकम रिश्वत ली गयी है। इस संदर्भ में प्रधान निदेशक  रक्षा संपदा मध्य कमान में शिकायती पत्र भेजा गया था। जिसकी जांच को मध्य कमान में मेरठ क्षेत्र के निदेशक एनबी सत्य नारायण भी मेरठ आकर जा चुके हैं। परंतु खेद का विषय है कि उनके आने के बावजूद बंगला 182 में न तो अवैध निर्माण रोका गया और न ही सील की कार्रवाई की गयी, बल्कि उक्त अधिकारी के द्वारा चार नोटिस देने की कार्रवाई को पर्याप्त मानते हुए भ्रष्ट तंत्र अपनी सहमति व मजबूती देने का कृत्य किया गया है। इस अवासीय बंगले में चेंज आफ परपज, सब डिविजन ऑफ साइट व अवैध निर्माण कैंट अधिनियम की धारा में अवैध माने जाने वाले तमाम कृत्य किए गए हैं, जिसके बाद नियमानुसार तो ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जानी चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

राष्ट्र हित में हमारा आपसे निवेदन है कि इस प्रकरण की जांच सीधे रक्षा मंत्रालय के स्तर से किसी निष्पक्ष अधिकारी को नियुक्त करते हुए,  कराने का कष्ट करें, ताकि दोषी चेहरे बेनकाब हो सकें और सरकार पर लगाए जा रहे बदनामी के दागों को धोया जा सके। हमें आशा ही नहीं विश्वास है कि आपके स्तर से ठोस कार्रवाई होगी।

धन्यवाद

आभार सहित

शेखर शर्मा (पत्रकार)

निवास:-जीएफ-19 अंसल कोर्ट यार्ड कंकरखेड़ा बाईपास मेरठ

मोबाइल नंबर-9997539279

प्रतिलिपि

रक्षा सचिव

रक्षा मंत्रालय साउथ ब्लॉक, नई दिल्ली

जीओसी इन चीफ मध्य कमान

1 महात्मा गांधी मार्ग लखनऊ छावनी

प्रधान निदशेक रक्षा संपदा

करियप्पा मार्ग टाउन लखनऊ


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