भू-माफिया ने खेत में काट डाली अवैध कालोनी

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भू-माफिया ने खेत में काट डाली अवैध कालोनी, मेरठ विकास प्राधिकरण के गंगा नगर जोन डी अब्दुल्लापुर संपर्क मार्ग पर भू-माफिया ने हरियाली का कत्ल कर खेत में अवैध कालोनी काट दी है। यहां गौरतलब है कि गंगा नगर इलाके में अवैध कालोनियां तेजी से पांव पसारती जा रही हैं। भू-माफियाओं और प्राधिकरण के कुछ भ्रष्ट अफसरों की मिलीभगत के चलते यह पूरा इलाका और जोन डी भूमाफियाओं के लिए मुफीद साबित हो रहा है। याद रहे कि ऐसी ही एक अवैध कालोनी को लेकर कुछ दिन पूर्व गंगानगर के डी ब्लाक में एमडीए की एक अधिकृत कालोनी में रहने वालों ने मोर्चा खोल दिया था। दरअसल हुआ यह था कि उक्त कालोनी से सटी एक अवैध कालोनी है। यह अवैध कालोनी काफी समय से है। डी ब्लाक में स्थित एमडीए की कालोनी में रहने वालों की माने तो करीब दस साल पहले उक्त अवैध कालोनी काटी गयी थी, लेकिन अवैध कालोनी काटने वाले भूमाफिया ने अपनी कालोनी के लिए तमाम संसाधन एमडीए के ही प्रयोग किए हैं। अवैध कालोनी का सीवर एमडीए की डी ब्लाक वाली कालोनी में डाल दिया था।

भू-माफियाओं को खुली छूट:

भोले भाले लोगों को जाल में फांस कर अवैध कालोनियां काट रहे शहर के तमाम बड़े भू-माफियाओं के गॉफ फादर बने मेरठ विकास प्राधिकरण के कुछ अफसर केवल अवैध कालोनियां काटने वाले भू-माफियाओं के मददगार ही साबित नहीं हो रहे, बल्कि उन्होंने भ-माफियाओं को प्राधिकरण के संसाधनों की लूट की खुली छूट भी दे दी है। इससे अंदाजा लगा लीजिए कि नेताओं-भू-माफियाओं-अफसरों का यह गठजोड़ कितना मजबूत है और सिस्टम पर किस प्रकार से भारी पड़ा है। बीते शनिवार को गंगानगर इलाके की एक छोटे से विरोध प्रदर्शन ने अवैध कालोनियां काटने वाले नेक्सस और एमडीए के कुछ भ्रष्ट अफसरों के संगठित होकर काम करने वाले सिस्टम को बेपर्दा कर दिया।

पब्लिक से खुली लूट: गंगानगर की जिस अवैध कालोनी का यहां जिक्र किया जा रहा है, उसकी जब पड़ताल की गयी तो भूमाफिया कौन है जिसने कालोनी काटी है यह तो पता नहीं चल सका, लेकिन इस कालोनी में जिन्होंने मकान बना लिए वो अब बुरी तरह से डरे हुए हैं। माना जा रहा है कि अवैध कालोनी काटने वाले भूमाफिया ने पहले शायद यह बात उजागर नहीं होने दी कि कालोनी अवैध है। लेकिन पिछले दिनों जिस प्रकार से परतापुर के गांव इटायरा में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 280 मकान जो भूमाफिया मांगी की अवैध कालोनी में बने हुए थे उन्हें ध्वस्त कर दिया था, उस घटना के बाद अवैध कालोनियों में रहने वालों की नींद उड़ी हुई है। उनका यह डर यूं ही नहीं है। सूत्रों की मानें तो अवैध कालाेनियों पर देर सवेर कार्रवाई तो होनी ही है वो चाहे गंगानगर जोन डी में हो या कहीं और।

एप्रुव्ड बताकर बेचे जा रहे हैं प्लाट:

आसपास के लोगों की मानें तो अब्दुल्लापुर मार्ग स्थित इस अवैध कालोनी को एप्रुव्ड बात कर भू-माफिया ने लोगों काे ठगने का काम किया। उन्होंने इस कालोनी में महंगे प्लाट खरीद लिए। गंगानगर डी ब्लाक में एमडीए की अधिकृत कालोनी से सटाकर जो अवैध कालोनी काटी गयी है, उसी तर्ज पर यहां भी लोगों को ठलने का काम भू माफिया ने किया है। डी ब्लाक से सटी अवैध कालोनी की यदि बात की जाए तो अवैध कालाेनियों में कभी भी सीवरेज सिस्टम भू-माफिया नहीं देते हैं। ऐसा ही इस कालोनी के साथ भी हुआ। इसमें सीवरेज सिस्टम नहीं दिया गया था। जिन लोगों को इस कालोनी को एमडीए से एप्रुव्ड बताकर प्लाट बेचे गए जब उन्होंने सीवरेज सिस्टम को लेकर सवाल किया तो भू-माफिया ने इस जोन के तत्कालीन एमडीए के स्टाफ से सांठगांठ कर ली। इस सांठगांठ के बाद हुआ यह कि अवैध कालोनी के सीवर के पाइप को एमडीए के डी-ब्लाक गंगानगर स्थित कालोनी के सीवर लाइन में डाल दिया गया। पिछले करीब दस साल से एक पतली लाइन अवैध कालोनी के सीवर की एमडीए की कालोनी के बड़े सीवर में डाल दी गयी, लेकिन जब अवैध कालोनी के सारे प्लाट बन और बिक गए तो वहां सीवरेज सिस्टम को लेकर हाय तौबा मची। उसके बाद किया ये कि अवैध कालोनी का एक बड़ा सीवर पाइप एमडीए की विकसित कालोनी के सीवर पाइप में डाल दिया गया। हैरानी ताे इस बात की है कि शिकायत किए जाने के बाद भी एमडीए के अफसर टस से मस होने को तैयार नहीं। लोगों ने बताया कि पूर्व में एडीए उपाध्यक्ष व सचिव से इस कारगुजारी की शिकायत की जा चुकी है। शिकायत के बाद भी एमडीए से यहां कोई झांकने तक नहीं आया।

प्लाट बिकते ही सराेकार खत्म:

केवल गंगानगर अपवाद नहीं है, पूरे महानगर में जहां-जहां भी अवैध कालोनियां काटी जा रही हैं, वहां भूमाफिया तब तक ही नजर आते हैं जब तक कि उनकी कालोनी में प्लाट, मकान व दुकानें बिक नहीं जाते। एक बार सारे प्लाट  मकान बिके उसके बाद वहां रहने वालों को भूमाफिया उनके हाल पर छोडकर गायब हो जाते हैं। ऐसा ही कुछ दिनों में जोन डी भावनपुर संपर्क मार्ग पर काटी गयी इस अवैध कालानी में जिंदगी भर की कमाई दावं पर लगाकर प्लाट खरीदने वालों के साथ होने जा रहा है।

वर्जन

 

 


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